रांची, (हि.स.)। राज्य सरकार शराब बेचकर 1500 करोड़ रुपये कमाएगी। सरकार एक अगस्त से राज्य में शराब बेचने जा रही है। झारखण्ड राज्य बिवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के माध्यम से शराब की बिक्री होगी। इसे लेकर विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए विभाग ने नयी नीति लागू की है। यह नीति वर्तमान हालात को देखकर बनाई गई है। इस नीति के तहत शराब रखने, विक्रय करने, ट्रांसपोर्ट करने की मनाही है। यह जानकारी उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव अविनाश कुमार सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करने के दौरान दी।
उन्होंने बताया कि सरकार ने यह निर्णय राज्य में शराब विक्रय पर नियंत्रण करने और अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने के उद्देश्य से किया है। विभाग पहले वर्ष में राजस्व के रूप में 1500 करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य तय किया है। जेएसबीसीएल गोदाम से लेकर रीटेल दुकानों और कैश कलेक्शन का काम करेगी।
उन्होंने कहा कि एक अगस्त से विभाग राज्य में शराब बेचेगी। इस दौरान अगर कोई अवैध शराब बेचते पकड़ा गया, तो उस पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि शराब बेचने के लिए लगभग 500 आवेदन आये थे। इसमें से विभाग ने 492 दुकानों को स्वीकृत किया है। राज्य में एक अगस्त से कुल 208 दुकाने शुरू होंगी। इनमें रांची में 15, खूंटी में छह, बोकारो में 14, धनबाद में 25, पलामू में 10 सहित अन्य जिले शामिल हैं। इन दुकानों का नाम सरकार शराब की दुकान होगी। उन्होंने बताया कि इन दुकानों में बाजार रेट से कम दामों पर शराब उपलब्ध रहेगी। झारखण्ड राज्य बिवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के माध्यम से इसकी बिक्री की जायेगी। इसके लिए दो एजेंसी लगायी गयी है। फ्रंटलाइन और शोमुआ एजेंसी के ही प्रतिनिधि इन दुकानों में मौजूद रहेंगे। इन प्रतिनिधियों को स्मार्टफोन भी दिया गया है। बाजारों में मांग के अनुरूप ही शराब की उपलब्धता होगी। साथ ही जरूरत पड़ने पर कई तरह के शराब के दामों पर छह से सात प्रतिशत की वृद्धि भी की जाएगी।
उन्होंने बताया कि जेएसबीसीएल रिटेल और आउटलेट को नियंत्रण रखेगी। शराब का वितरण पूरी तरह कम्प्यूटराइज्ड होगा। इसके साथ ही ग्राहकों को बिल भी दिया जायेगा। शराब की दुकानों में जो भी कैश कलेक्शन होगा, वहां का स्थानीय थाना और पदाधिकारी कैश को सुरक्षित बैंक पहुंचायेंगे। इसके लिए जिला पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि मैन पावर को लेकर एजेंसी के खिलाफ दुकानदारों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि जो भी पंचायत शराब मुक्त होगा, उस पंचायत के मुखिया को राज्य सरकार एक लाख रुपये देगी। ताकि उक्त पंचायत का और विकास हो सके।
सरकार की शराब नीति के तहत कोई भी ग्राहक शान के सामने शराब नहीं पी सकेगा। अगर कोई ऐसा करता पाया जायेगा, तो उस पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि अवैध शराब को लेकर राज्य के विभिन्न इलाकों में छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत लाखों लीटर अवैध शराब भी बरामद हुए हैं। गत दिनों शराब माफिया सिंधिया बंधुओं की गिरफ्तारी हुई है। इसके अलावा धनबाद और जमशेदपुर सहित अन्य जिलों में भी छापेमारी की गई है।
उन्होंने बताया कि सरकार की इस नीति के तहत अभी तक एक हजार शराब दुकानों के लाइसेंस बंद कर दिये हैं। शराब की नयी नीति के तहत शहरी क्षेत्रों में दुकान खुलने का समय दोपहर 12 बजे से लेकर रात 10 बजे तक खुला रहेगा। इस दौरान शाम चार से पांच बजे तक बंद रहेगा। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में दोपहर 12 बजे से लेकर आठ बजे तक खुला रहेगा। एक व्यक्ति एक बार में तीन लीटर ही शराब खरीद सकता है। जबकि बीयर 5.3 लीटर ही ले सकेगा। उन्होंने कहा कि एक वर्ष में 1500 करोड़ रुपये का व्यवसाय करने का लक्ष्य रखा गया है।