ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
झारखंड
कौशल विकास की जरूरत हर क्षेत्र में : सीपी सिंह
By Deshwani | Publish Date: 31/7/2017 8:35:33 PM
कौशल विकास की जरूरत हर क्षेत्र में : सीपी सिंह

रांची, (हि.स.)। नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि कौशल विकास की जरूरत आज हर क्षेत्र में है। केंद्र और राज्य सरकार इसके लिए काम कर रही है। कौशल विकास का मतलब सक्षम होना चाहिए। सोमवार को होटल बीएनआर में एसोचैम झारखंड की ओर से स्किलिंग इंडिया पर आयोजित सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। 

सिंह ने मौके पर स्किल इंडिया मिशन में काम करने वाली कई संस्थाओं को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि बस और ट्रक चलाने वालों के पास भी आज जरूरत का लाइसेंस नहीं है। बीए पास युवक सही से आवेदन नहीं लिख सकते हैं। इस मौके उच्च शक्षिा व कौशल विकास मिशन के सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि स्किल इंडिया के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए औद्योगिक इकाइयों और शैक्षणिक संस्थानों को मिलकर काम करने की जरूरत है। इससे उद्योगों को जरूरत की समझ शैक्षणिक संस्थानों को होगी। छात्रों को शक्षिति करने में उद्योग से जुड़े लोगों की मदद भी ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है। 
कौशल विकास मिशन के कार्यक्रम से जुड़ने वाले युवकों के बेहतर भवष्यि को लेकर भी योजना बननी चाहिए। भारत सरकार इस पर विचार कर रही है। युवकों को यह सुविधा मिलनी चाहिए कि वह इससे जुड़कर भवष्यि में अभी शैक्षणिक क्षमता को विकसित कर सके। सिंह ने इंटर्नशिप की अवधि को और बढ़ाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि अभी दो या तीन महीने का इंटर्नशिप कराया जाता है। इससे युवक उद्योग को जरूरत को समझ नहीं पाते हैं। विदेशों में तीन-तीन साल तक का इंटर्नशिप होता है। इससे युवक और उद्योग दोनों एक दूसरे की जरूरत समझ जाते हैं। कौशल विकास मिशन के कार्यक्रम में समय-समय पर बदलाव की जरूरत है। इसके लिए एक स्थायी कमेटी बननी चाहिए, जो समय-समय पर बैठक कर कोर्स और इसकी तौर-तरीके पर सलाह दे सके। झारखंड में अगले पांच साल में 20 लाख युवकों को स्किल करना चाह रही है। इसके लिए कई कार्यक्रम लिये गये हैं। इस अवसर पर कौशल विकास मिशन के परियोजना निदेशक रवि रंजन, नरेंद्र कुमार श्याम सुखा, अमेटी यूनिवर्सिटी, झारखंड के कुलपति डॉ रमण कुमार झा, एलएन भगत सहित अन्य लोग उपस्थित थे। 
 
 
 
 
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS