रांची, (हि.स.)। डीजीपी डीके पांडेय ने नक्सलियों और अपराधियों की संपत्ति जब्त करने और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करने का अधिकारियों को निर्देश दिया है। उन्होंने शुक्रवार को संपर्क करने पर बताया कि नक्सलियों और अपराधियों की संपत्ति अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) एक्ट के तहत जब्त करनी है ।संपत्ति जब्त करने के लिए एक्ट के तहत डीजीपी काे प्रस्ताव देना है। उस प्रस्ताव के आधार पर डीजीपी द्वारा नक्सलियों की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि नक्सलियों के मामले में साधारण धारा 17 सीएलए की जगह यूएपीए की धाराएं लगानी होगी, जिसके तहत संपत्ति जब्ती की शक्तियां मिली हुई है । उन्होंने कहा कि बड़े अपराधियों की संपत्ति जब्त करने के लिए पीएमएलए के तहत कार्रवाई की जाए।
डीजीपी के अनुसार आर्थिक और अचल संपत्ति नक्सलियों एवं अपराधियों को ज्यादा मजबूत बनाती है। लेवी, रंगदारी से बनाई गई संपत्ति जब्त करने का पुलिस को अधिकार है।
उन्होंने बताया कि झारखंड कैडर के आईपीएस मनोज कौशिक जो फिलहाल दिल्ली में फाइनेंसियल इंटेलिजेंस यूनिट में पदस्थापित है। उन्होंने इस मामले में सहयोग का आश्वासन दिया है। झारखंड पुलिस ऐसे नक्सलियों की संपत्ति का ब्यौरा, बैंक खाते की डिटेल्स और फोटोग्राफ्स उपलब्ध कराए, जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय से जारी गाइड लाइन के अनुसार जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। प्रमुख नक्सली संगठन टीएसपीसी, जेपीसी, पीएलएफआई,एसजेएमएम और जेजेएमपी से जुड़े नक्सलियों के खिलाफ यूपीए की धारा 16,20 और 23 के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल कर उनकी संपत्ति
जब्त की जाए। हजारीबाग के मामले में संपत्ति का आदेश जारी किया जा चुका है ।
डीजीपी ने बताया कि उनके पास वर्तमान में संपत्ति जब्ती का जो प्रस्ताव भेजा जाता है, उसका तरीका साधारण होता है। इसका फॉर्मेट हजारीबाग से प्राप्त किया जा सकता है ।ऐसे मामले में डीएसपी स्तर के पदाधिकारी अनुसंधान पदाधिकारी की भूमिका में होते हैं