झारखंड
सीएनटी-एसपीटी को दोबारा संशोधित न करे सरकार : हेमंत
By Deshwani | Publish Date: 26/6/2017 5:21:30 PM
रांची, (हि.स.)। छोटानागपुर-संथाल परगना काश्कारी कानून (सीएनटी-एसपीटी) एक्ट में संशोधन को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू द्वारा लौटाये जाने के बाद झारखंड में मुख्य विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब जब गर्वनर ने बिल वापस कर दिया है, तब सरकार इसे दोबारा संशोधित करने का दुस्साहस ना करें।
राजधानी रांची में सोमवार को प्रेसवार्ता में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि राजभवन में आदिवासियों की सभ्यता संस्कृति और भावना को समझने वाली राज्यपाल ने सरकार को यह बिल वापस भेज दिया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह सदन में संख्या बल के आधार पर यह बिल पास कराया गया वह अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है। सोरेन ने कहा कि बिल पास होने के दिन से लेकर हाल तक इसके विरोध का स्वर गवर्नर हाउस तक पहुंचता रहा।
झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत ने कहा कि सीएनटी और एसपीटी के बाद अब राज्य सरकार को स्थानीयता नीति के बारे में भी गंभीरता से दोबारा सोचना होगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थानीयता नीति में बाहरियों को भी स्थानीय बना दिया गया है। इस वजह से झारखंड के मूलवासियों के अधिकारों का हनन होगा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर झामुमो ने आवाज उठाई है जिसे आगे भी जारी रखा जाएगा।