उत्तर प्रदेश में राज्य की नई जनसंख्या नीति 2021-2030 की शीघ्र होगी घोषणा, email या डाक से दे सकते अपना सुझाव
लखनऊ। यूपी की योगी सरकार राज्य में जनसंख्या नीति की घोषणा करने वाली है। जिसके लिए मसौदा भी तैयार कर लिया गया है। लोगों से सुझाव भी मांगा जा रहा है। माना जा रहा है कि सुझाव व आपत्तियों के निबटारा के बाद संशोधित मसौदा राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा।
जनसंख्या नीति के लिए मसौदा राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जो कि एक न्यायमूर्ति होते हैं, के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है। मसौदे में, दो से अधिक बच्चे होने पर कई लाभों से वंचित करने की बात कही गई है। राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण कानून के तैयार मसौदे में इस तरह के कई प्रस्ताव रखे हैं। यह मसौदा आयोग की वेबसाइट (upslc.upsdc.gov.in) पर अपलोड किया गया है।
आयोग ने इस मसौदे पर लोगों ने आपत्तियां व सुझाव भी मांगे हैं, जो 19 जुलाई तक आयोग को ई-मेल (statelawcommission2018@gmail.com) या फिर डाक के जरिए भेजे जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज विश्व जनसंख्या दिवस पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में एक पुस्तिका जारी करते हुए कहा कि इस से लोगों का जीवन खुशहाल होगा और समाज के सभी वर्गों को जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम से जोड़ना होगा।
सरकार ने जनसंख्या नीति के मसौदे पर लोगों के विचार आमंत्रित किए हैं। मसौदे में, दो से अधिक बच्चे होने पर कई लाभों से वंचित करने की बात कही गई है। राज्य में परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए भी आज से 15 दिन का एक कार्यक्रम शुरू किया गया है।
उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर योगी सरकार ने फॉर्मूला तैयार कर लिया है, जिसके तहत जिनके पास दो से अधिक बच्चे होंगे, वे न तो सरकारी नौकरी के लिए योग्य होंगे और न ही कभी चुनाव लड़ पाएंगे। दरअसल, उत्तर प्रदेश की राज्य विधि आयोग ने सिफारिश की है कि एक बच्चे की नीति अपनाने वाले माता पिता को कई तरह की सुविधाएं दी जाएं, वहीं दो से अधिक बच्चों के माता-पिता को सरकारी नौकरियों से वंचित रखा जाए। इतना ही नहीं, उन्हें स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से रोकने समेत कई तरह के प्रतिबंध लगाने की सिफारिश इस प्रस्ताव में की गई है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण कानून के तैयार मसौदे में इस तरह के कई प्रस्ताव रखे हैं। आयोग ने इस मसौदे पर लोगों ने आपत्तियां व सुझाव भी मांगे हैं, जो 19 जुलाई तक आयोग को ई-मेल (statelawcommission2018@gmail.com) या फिर डाक के जरिए भेजे जा सकते हैं। अगर योगी सरकार इस फॉर्मूले को हरी झंडी दे देती है तो फिर यूपी में जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में बड़ा कदम माना जाएगा।
राज्य विधि आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल के मार्ग-दर्शन में यह मसौदा तैयार किया गया है। आपत्तियों एवं सुझावों का अध्ययन करने के बाद संशोधित मसौदा तैयार करके राज्य सरकार को सौंपा जाएगा। देश के अन्य राज्यों में लागू कानूनों का अध्ययन करने के बाद यह मसौदा तैयार किया गया है। इसे उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) एक्ट 2021 के नाम से जाना जाएगा और यह 21 वर्ष से अधिक उम्र के युवकों और 18 वर्ष से अधिक उम्र की युवतियों पर लागू होगा।