महाराष्ट्र हादसा : इमारत ढहने के 19 घंटे बाद मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया 4 साल का मासूम
रायगढ़। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में सोमवार को इमारत ढहने के 19 घंटे के बाद मलबे में फंसे एक चार साल के बच्चे को आज दोपहर में बाहर निकाला गया। एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन के कर्मचारियों ने तब ताली बजाकर खुशी ज़ाहिर की जब 4 साल के मोहम्मद बांगी को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया। मलबे में फंसे होने के बावजूद मोहम्मद बांगी का सुरक्षित बाहर निकलना किसी चमत्कार से कम नहीं है। एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट आलोक कुमार ने कहा कि यह चमत्कार जैसा है, छोटा बच्चा था, वो बैठा हुआ था, उसे कोई चोट भी नहीं लगी है।
रायगढ़ के महाड़ इलाके में गिरी 5 मंजिला इमारत में राहत और बचाव का काम मंगलवार के दिन भी जारी रहा। एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर मलबे को हटाने का काम जारी रखा है। इस हादसे के बाद अब प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। इमारत करीब 7 साल पुरानी है, कमज़ोर ढांचे को इमारत के ढहने का कारण माना जा रहा है। बिल्डर, कांट्रेक्टर और आर्किटेक्ट के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
कलेक्टर निधि चौधरी ने कहा कि 7 साल की इमारत के गिर जाने से समझ आता है कि इमारत की कंस्ट्रक्शन क्वालिटी खराब थी और उसके लिए जो भी दोषी हैं जैसे बिल्डर, आर्किटेक्ट या कोई और प्रशासन से जुड़े लोग हैं तो उनके ऊपर कार्रवाई होगी।
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे से जब इस संदर्भ में सवाल पूछा गया कि जब इमारत बन रही थी तो क्या स्थानीय प्रशासन की ओर से उस पर नज़र रखी गई थी? इस पर उन्होंने कहा कि जो अधिकारी शामिल होंगे, जिसने परमिशन दी होगी उस पर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश मैंने दिए हैं।
बता दें कि महाराष्ट्र के रायगढ़ में सोमवार को हुए हादसे में मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 9 हो गयी है और अभी भी कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल द्वारा खोज और बचाव अभियान अभी भी जारी है। इस मामले में रायगढ़ पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज की है। मुंबई से लगभग 160 किलोमीटर दूर महाड कस्बे में सोमवार को एक पांच मंजिला इमारत अचानक पूरी तरह ढह गई। इस इमारत के गिरते ही पूरे इलाके में हाहाकार मच गया। इमारत में 45 फ्लैट थे। इसमें 200 लोगों के फंसे होने की जानकारी मिली थी।