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महाराष्ट्र मुख्यमंत्री : अधर में लटका उद्धव ठाकरे का भविष्य, राज्यपाल के पास लंबित है नामांकन प्रस्ताव
By Deshwani | Publish Date: 29/4/2020 5:19:09 PM
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री : अधर में लटका उद्धव ठाकरे का भविष्य, राज्यपाल के पास लंबित है नामांकन प्रस्ताव

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का भविष्य अधर में लटक गया है क्योंकि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उनके विधान परिषद नामांकन पर फिलहाल फैसला नहीं किया है। उन्होंने राज्य के मंत्रियों के साथ बातचीत के दौरान ठाकरे के नामांकन को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।


राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजीत पवार और जयंत पाटिल, शिवसेना के एकनाथ शिंदे और अनिल परब और कांग्रेस के बालासाहेब थोराट और असलम शेख जैसे मंत्रिमंडल के सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को राज्यपाल से मिलने के लिए पहुंचा। जिसमें उन्होंने ठाकरे को परिषद का सदस्य नामांकित करने को लेकर संशोधित राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश की।


एक वरिष्ठ कैबिनेट सदस्य ने कहा, कोश्यारी ने हमारी बात सुनी लेकिन उनका रवैया टाल-मटोल वाला रहा। इसलिए हमें नहीं पता कि वह हमारी याचिका को स्वीकार करेंगे या नहीं। उन्होंने कहा कि ठाकरे के नामांकन पर अनिश्चितता के मद्देनजर सरकार विधान परिषद चुनावों के लिए चुनाव आयोग से संपर्क करने पर विचार कर रही है।पहले की योजना के अनुसार नौ सीटों के लिए 24 अप्रैल को चुनाव होने थे और ठाकरे को चुनाव लड़ना था।

हालांकि कोरोना वायरस की वजह से आयोग ने चुनाव को स्थगित कर दिया। इसी वजह से मुख्यमंत्री चाहते हैं कि राज्यपाल अपने कोटे की खाली पड़ी दो सीटों में से एक पर उन्हें नामित कर दें।कैबिनेट ने नौ अप्रैल को राजभवन में उनके नामांकन के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था लेकिन हाल ही में यह बताया गया कि तकनीकी आधार पर उनकी याचिका पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।जिसके बाद कैबिनेट ने सोमवार को नई सिरे से प्रस्ताव पारित किया। जिसमें आयोग को जल्द से जल्द या 20 मई से पहले राज्य में परिषद के चुनाव कराने के लिए कहा गया है।

बता दें कि उद्धव ठाकरे ने राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर 27 नवंबर को शपथ ली थी। वह इस समय न तो राज्य से विधायक हैं और न ही विधान परिषद के सदस्य। संविधान के अनुसार उन्हें छह महीने के अंदर किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी है। जिसके लिए समयसीमा 27 मई को खत्म हो रही है।

यदि राज्यपाल ने नामांकन अस्वीकार किया तो क्या हैं विकल्प:

राज्यपाल कोश्यारी ने मंत्रिमंडल की सिफारिश पर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया है। ऐसे में यदि वह प्रस्ताव को अस्वीकार कर देते हैं तो ठाकरे के पास केवल दो विकल्प बचेंगे। पहला, तीन मई को लॉकडाउन खत्म होने के बाद आयोग विधान परिषद की खाली सीटों के लिए चुनाव की घोषणा करे और 28 मई से पहले प्रक्रिया खत्म करके नतीजे घोषित करे।



दूसरा, चुनाव न होने की स्थिति में ठाकरे को अपने पद से इस्तीफा देना होगा और दोबारा पद की शपथ लेनी होगी। इससे उन्हें दोबारा छह महीने का वक्त मिल जाएगा। हालांकि इसमें पेंच यह है कि मुख्यमंत्री के साथ पूरे मंत्रिमंडल को भी इस्तीफा देना होगा और उन्हें भी दोबारा शपथ लेनी होगी।


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