एनसीपी-कांग्रेस संग जाने पर शिवसेना नेता का इस्तीफा, बोले- अंतरात्मा इजाजत नहीं देती
मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार बनने जा रही है। शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे कल (28 नवंबर) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। जानकारी के अनुसार कल शाम 6:30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। हालांकि, शिवसेना का कांग्रेस से हाथ मिलाना कुछ शिवसैनिकों को रास नहीं आ रहा है। उद्धव ठाकरे के करीबी माने जाने वाले रमेश सोलंकी ने शिवसेना और युवा सेना से इस्तीफा दे दिया है।
रमेश सोलंकी शिवसेना की इकाई युवासेना की आईटी सेल कोर कमेटी मेंबर होने के साथ-साथ गुजरात राज्य संपर्क प्रमुख भी थे। रमेश सोलंकी ने कहा, 'कहावत है जब जहाज डूबता है तो सबसे पहले चूहे कूदकर भागते हैं, लेकिन शिवसेना का साथ मैं तब छोड़ रहा हूं जब पार्टी शीर्ष पर है और पार्टी राज्य में सरकार बनाने जा रही है।'
सोलंकी ने ट्विटर पर लिखा, बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व, करिश्माई व्यक्तित्व और निडर नेतृत्व से प्रभावित होकर 1998 में वे शिवसैनिक बने। कई चुनाव चुनावों में उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन बीएमसी से लेकर विधानसभा-लोकसभा चुनाव तक केवल 'हिंदू राष्ट्र' और 'कांग्रेस मुक्त भारत' के सपने के लिए काम करते रहे। सोलंकी ने लिखा, 'पिछले कुछ दिनों से लोग मेरा स्टैंड पूछ रहे थे। तो आज मैं साफ कर देता हूं, जो मेरे श्रीराम का नहीं है (कांग्रेस), वो मेरे किसी काम का नहीं है।'
रमेश सोलंकी ने कहा कि 21 साल तक बिना पद, प्रतिष्ठा या टिकट की मांग के वे रात-दिन पार्टी के आदेश का पालन करते रहे, लेकिन जब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया, तो उनकी आत्मा कांग्रेस के साथ काम करने की इजाजत नहीं दे रही है। सोलंकी ने उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और तमाम शिवसैनिकों का इतने सालों तक सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया है।