कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में अध्यापक बंधु गोपाल पाल, उनकी गर्भवती पत्नी तथा 8 साल के मासूम की निर्मम हत्या के मामले में पुलिस ने अब तक चार लोगों को हिरासत में लिया है। शनिवार को जिला पुलिस सूत्रों के हवाले से इस बारे में जानकारी दी गई है।
बताया गया है कि तीन लोग पहले से हिरासत में थे। उनसे पूछताछ पर एक अन्य शख्स के बारे में भी भनक लगी जिसके बाद उसे शुक्रवार रात हिरासत में लिया गया है। इन सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा पुलिस की टीम मुर्शिदाबाद के साथ-साथ बीरभूम जिले में भी पहुंची है। यहां मृतक परिवार के परिजन रहते हैं और पैतृक गांव भी है। परिजनों से घंटों तक बातचीत की गई है। हालांकि पांच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की है, जिसकी वजह से जिला प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बंधु गोपाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय सदस्य थे। उनके पूरे परिवार की नृशंस हत्या पूरे देश में सुर्खियां बन गई है। इस हत्याकांड को लेकर भाजपा, कांग्रेस और माकपा ने एक सुर में ममता बनर्जी की सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। हालांकि जिला पुलिस अधीक्षक आईपीएस मुकेश कुमार ने इस घटना को राजनीतिक हत्या मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने दावा किया है कि प्रारंभिक जांच में यह संपत्ति विवाद का मामला लग रहा है। मारे गए पति पत्नी के बीच भी बेहतर संबंध नहीं होने का दावा पुलिस ने किया है।
बताया जा रहा है कि घटनास्थल से एक डायरी गुरुवार को बरामद की गई थी जिसमें पत्नी ने पति के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया था। वारदात के बाद पुलिस ने तीन दिनों तक चुप्पी साधे रखी थी जिसे लेकर राज्य प्रशासन की तीखी आलोचना हो रही थी। मजबूरन शुक्रवार शाम पश्चिम बंगाल पुलिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया गया जिसमें इस बात की जानकारी दी गई कि घटना की जांच में राज्य सीआईडी से भी सहयोग लिया जा रहा है। इसके अलावा ट्वीट में यह भी दावा किया गया कि इस हत्याकांड का किसी तरह से कोई राजनीतिक संबंध नहीं है।
उल्लेखनीय है कि बीते मंगलवार को दशमी के दिन मुर्शिदाबाद के जियागंज क्षेत्र में पड़ोसियों ने कमरे के अंदर बंधु गोपाल पाल, उनकी 32 वर्षीया पत्नी ब्यूटी पॉल और 8 साल के बेटे अंगन पाल का खून से लथपथ शव देखा, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई थी।