कुशीनगर। भानु तिवारी। जिले में यूपी बोर्ड से संचालित अनुदानित इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी है। कई कॉलेजों में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी और संस्कृत विषय के शिक्षक ही नहीं है। इससे हाईस्कूल और इंटर में नामांकित विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल प्रबंधन स्थानीय स्तर पर मानदेय के शिक्षकों की भर्ती कर किसी तरह कक्षाओं का संचालन करा रहा है। लेकिन, उससे छात्रों के कोर्स पूरा नहीं हो रहा है।
कुशीनगर जनपद में कुल 55 वित्त पोषित माध्यमिक विद्यालय संचालित हैं। इसमें हाईस्कूल में 28538 बालक और 18887 बालिका और इंटर में 17962 बालक और 19382 बालिकाओं का नामांकन है। इन्हें बेहतर शिक्षा के उपलब्ध कराने के लिए 37 प्रधानाचार्य, 18 प्रधानाध्यापक, 260 प्रवक्ता, 1015 सहायक अध्यापक, 156 लिपिक और 579 चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी समेत 2065 पद सृजित किए गए हैं। इसमें से प्रधानाचार्य के 25, प्रधानाध्यापक के 14, प्रवक्ता के 152, सहायक अध्यापक के 686, लिपिक के 51 और चतुर्थ श्रेणी के 161 समेत 1089 पद रिक्त है, जबकि प्रधानाचार्य के 12, प्रधानाध्यापक के चार, प्रवक्ता के 108, सहायक अध्यापक के 329, लिपिक के 105 और चतुर्थ श्रेणी के 418 समेत 976 कर्मचारी कार्यरत हैं।
शिक्षिका सुनीता सिंह गौड़ का कहना है कि माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या आधे से कम होना, शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति पर रोक लगना बेहद निराशा जनक है। इसके वजह से विद्यालय में पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
जिला विद्मालय निरीक्षक उदय प्रकाश मिश्र ने बताया कि जिले में रिक्त पदों की सूची आयोग को भेज दी गई है। आयोग की तरफ से शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। आयोग की तरफ से कई शिक्षक भेजे भी गए हैं, उन्हें संबंधित कॉलेेजों में भेज दिया गया है। शेष रिक्त पदों के सापेक्ष आयोग से शिक्षक उपलब्ध होते ही उनकी तैनाती कर दी जाएगी।