उन्नाव रेपकांड: सीबीआई टीम ने ट्रामा सेंटर में पीड़ित युवती के परिजनों से की पूछताछ
लखनऊ। उन्नाव रेपकांड की पीड़िता के साथ हुए हादसे की जांच सीबीआई से कराने के लिए पुलिस तैयार है। पीड़ित युवती के जेल में बंद चाचा महेश सिंह ने पूरे मामले की सीबीआई जांच कराये जाने की तहरीर जेलर के माध्यम से रायबरेली पुलिस को दी है। सीबीआई लखनऊ की पांच सदस्यीय टीम आज मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर पहुंची। प्रथम तल पर पीड़ित युवती के परिजन से सीबीआई की टीम ने वार्ता की है। टीम के सदस्यों ने मौजूदा गवाहों को सुरक्षित करने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बीच आरोपित बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के परिवारवाले उन्नाव के माखी गांव से फरार हो गए हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने बताया कि रविवार को रायबरेली के गुरुबख्श थाना इलाके में उन्नाव रेपकांड की पीड़ित की कार में बेकाबू ट्रक ने टक्कर मार दी। इस हादसे में पीड़ित की चाची और मौसी की मौत हो गई है जबकि पीड़ित युवती और उसके वकील महेन्द्र सिंह समेत तीन की हालत नाजुक बनी हुई है। सभी का इलाज लखनऊ के ट्रामा सेंटर में चल रहा है। इलाज का सारा खर्च सरकार उठा रही हैं। पुलिस ने ट्रक के चालक, क्लीनर और मालिक को हिरासत में लिया है।
ड्राइवर ने पूछताछ में बताया कि शनिवार को वह बांदा से मौरंग लेकर रायबरेली के निकला था। रविवार को रायबरेली में मौरंग डालकर वापस ट्रक लेकर जा रहा था। इसी बीच सामने से आ रही कार से ट्रक की सीधी टक्कर हो गई। इस घटना में दो लोगों के मरने पर वह लोग अपनी जान बचाकर मौके से फरार हो गये। ट्रक मालिक ने पुलिस को बताया कि उसने यह ट्रक फाइनेंस पर लिया है और अभी उसका पैसा चुका नहीं पाया है। फाइनेंसर से बचने के लिए उसने नम्बर प्लेट पर काला रंग लगा रखा था।
एडीजी ने बताया कि ट्रक ड्राइवर के बयान से यह प्रतीत हो रहा है कि कार और ट्रक की आमने-सामने टक्कर हुई है। फिलहाल इस मामले में पुलिस व फॉरेंसिक टीम जांच कर रही है। उनकी रिपोर्ट आने के बाद ही यह पता चला पायेगा कि दोनों वाहन किस दिशा से आ रहे थे। मौके पर मौजूद चश्मदीद गवाह के बयान भी पुलिस ले रही हैं। पूरे प्रकरण की गहनता से जांच की जा रही है जो भी तथ्य सामने आयेंगे, उसी के आधार पर कार्रवाई की जायेगी।
पत्रकारों के सवालों पर एडीजी ने बताया कि इस मामले में पीड़ित युवती व उसके परिवार की सुरक्षा में कुल नौ पुलिस कर्मी तैनात हैं, जिसमें पुरुष और महिला दोनों ही हैं। छह पुलिस कर्मी घर पर और तीन पुलिस कर्मी पीड़ित युवती की सुरक्षा में रहती हैं। घटना वाले दिन पीड़ित युवती ने ही सुरक्षा कर्मियों से साथ में आने से मना किया था। उसने कहा था कि उसकी कार छोटी है और पहले से इतने लोग हैं। इसी कारण कोई भी सुरक्षा कर्मी पीड़ित युवती के साथ नहीं गया। एडीजी ने बताया कि फिर भी पीड़ित युवती के सुरक्षाकर्मियों के न जाने के कारणों की जांच की जा रही है।