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फर्जी शिक्षकों की जांच के लिए कुशीनगर भी निशाने पर
By Deshwani | Publish Date: 28/7/2019 9:28:40 PMकुशीनगर। भानु तिवारी। फर्जी शिक्षकों की जांच के लिए कुशीनगर में भी एसटीएफ धमक सकती है। इससे बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मची है। शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच के लिए गठित टीम रिकॉर्ड दुुरुस्त करने में जुटी हुई है। टीम की जांच में दो शिक्षकों के प्रमाण पत्र संदिग्ध मिले हैं। सत्यापन के बाद उनकी बर्खास्तगी भी हो सकती है। सूत्रों की मानें तो इनके तार देवरिया और सिद्घार्थनगर से गिरफ्तार फर्जी शिक्षकों के सगरना से जुडे़ बताए जा रहे हैं।
फर्जी डिग्री के सहारे परिषदीय स्कूलों में शिक्षक की नौकरी हासिल करने वाले जनपदों में कुशीनगर भी शामिल है। वर्ष 2007-08 से अब तक यहां करीब दस हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। इसमें करीब 4000 शिक्षकों का दूसरे जनपदों में तबादला हो चुका है। सूत्रों की मानें तो सिद्घार्थनगर, देवरिया, गोरखपुर और संतकबीरनगर के साथ ही कुशीनगर में भी फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे शिक्षकों की तैनाती दिलाने वाला रैकेट सक्रिय है।
सिद्घार्थनगर में अब तक 56 शिक्षकों की डिग्री फर्जी पाए जाने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई हो चुकी है। 28 शिक्षकों की नियुक्ति पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। शासन के निर्देश पर कुशीनगर में भी जांच के लिए एडीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित है। इसमें एडी बेसिक सदस्य सचिव और बीएसए सदस्य नामित हैं। सूत्र बताते हैं कि यहां भी कई शिक्षक फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी हासिल किए है। यदि ठीक से जांच होगी तो वे पकड़ में आ जाएंगे। बीएसए अरुण कुमार बताते है कि यहां 2007 -08 से लेकर करीब दस हजार शिक्षक भर्ती हुए थे। इसमें करीब 4000 शिक्षकों का दूसरे जनपदों में तबादला हो गया। बचे 6000 शिक्षकों में करीब 4500 शिक्षकों के प्रमाण प्रत्रों की जांच कराई जा चुकी है। जांच में फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी हासिल करने की बात सामने आने पर छह शिक्षक पूर्व में बर्खास्त किए जा चुके हैं। एडीएम की अध्यक्षता में गठित टीम फर्जी शिक्षकों को पकड़ने के लिए जांच कर रही है। फर्जी प्रमाण पाए जाने वालों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी। शासन का निर्देश है कि पुलिस बेरिफिकेशन भी हो। ऐसे में एसटीएफ की टीम भी आ सकती है।