लखनऊ। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आज विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए अनुपूरक बजट पेश किया। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल की ओर प्रस्तुत किये गये इस अनुपूरक अनुदान का कुल आकार 13,594.87 करोड़ रुपये है, जिसमें राजस्व लेखे का व्यय 8,381.20 करोड़ रुपये तथा पूंजी लेखे का व्यय 5,213.67 करोड़ रुपये अनुमानित है। बजट में नगर विकास, एक्सप्रेस वे परियोजनाओं, स्मार्ट सिटी, स्वास्थ्य सेक्टर को सुदढ़ बनाने और पर्यटन विकस से लेकर कर्मचारी कल्याण पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। अनुपूरक बजट पर बुधवार को चर्चा होगी।
स्मार्ट सिटी के लिए 175 करोड़ रुपये की मांग
अनुपूरक बजट 2019-20 में नगर विकास के लिए कुल 2,175.46 करोड़ रुपये की मांग की गयी है। इसमें से राज्य पोषित स्मार्ट सिटी के लिए 175 करोड़ रुपये, कुम्भ मेले के दायित्यों के भुगतान के लिए 349 करोड़ रुपये, सीवरेज एवं जल निकासी हेतु 100 करोड़ रुपये तथा प्रत्येक जिला मुख्यालय में पाथवे, बेंच, जिम, पेयजल, योग एवं बाल क्रीड़ा की सुविधाओं से युक्त पार्क हेतु 60 करोड़ रुपये की मांग की गयी है।
पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए अतिरिक्त रुपये
प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए कुल 2,093.98 करोड़ रुपये की मांग की गयी है। इसमें से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए 850 करोड़ रुपये, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के लिए 1,150 करोड़ रुपये तथा गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 15 करोड़ रुपये की मांग की गयी है। ऊर्जा क्षेत्र में वितरण एवं उत्पादन परियोजनाओं के लिए कुल 905.36 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट प्रस्तावित है।
सिंचाई के लिए 834.84 करोड़ के अनुपूरक बजट का प्रस्ताव
सिंचाई विभाग के लिए 834.84 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट का प्रस्ताव है। इसमें से 800 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांग नहर एवं नलकूपों के विद्युत देय के लिए तथा 24.84 करोड़ रुपये की मांग गोरखपुर में राप्ती नदी पर घाट के निर्माण के लिए की गयी है। अयोध्या स्थित राम की पैड़ी की रिमॉडलिंग के लिए 10 करोड़ रुपये की मांग की गयी है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की प्रयोगशालाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु 15.56 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांग की गयी है।
लोक निर्माण के लिए 605 करोड़ रुपये की मांग
वित्तीय वर्ष 2019-20 की अनुपूरक मांगों में लोक निर्माण विभाग के लिए कुल 605 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट प्रस्तावित है। इनमें से 405 करोड़ रुपये सेतुओं के लिए तथा 200 करोड़ रुपये सड़कों के लिए है। पुलिस विभाग के लिए कुल 250 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांग की गयी है। इनमें से 200 करोड़ रुपये नवसृजित जनपदों में पुलिस लाइन की भूमि के लिए है।
पर्यटन सेक्टर से जुड़ी परियोजनाओं में आयेगी तेजी
इसके साथ ही पयर्टन विभाग के लिए कुल 163 करोड़ रुपये की अनुपूरक बजट की मांग की गयी है। इसमें से 105 करोड़ रुपये पर्यटन स्थलों के विकास के लिए, मिर्जापुर में विन्ध्यवासिनी धाम के पयर्टन विकास के लिए 10 करोड़ रुपये, सीतापुर में नैमिषारण्य के पयर्टन विकास के लिए 10 करोड़ रुपये, आगरा में मुगल म्यूजियम के लिए 20 करोड़ रुपये तथा अयोध्या में दीपोत्सव के लिए 6 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांग रखी गयी है।
एसजीपीजीआई में ट्रॉमा सेन्टर, केजीएमयू के सेलेटाइट सेन्टर पर होगा काम
चिकित्सा शिक्षा विभाग हेतु 83.14 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांग का प्रस्ताव किया गया है। इसमें से एसजीपीजीआई, लखनऊ में ट्रॉमा सेन्टर हेतु 7.45 करोड़ रुपये, जनपद बलरामपुर में केजीएमयू लखनऊ के सेटेलाइट सेन्टर हेतु 35 करोड़ रुपये, गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में 500 शैय्या वाले बाल रोग चिकित्सा संस्थान हेतु 10 करोड़ रुपये, 14 जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर मेडिकल कॉलेज की स्थापना के सम्बन्ध में प्रतीक व्यवस्था के रूप में 14 लाख रुपये, बस्ती,बहराइच, अयोध्या, शाहजहांपुर तथा फिरोजाबाद के मेडिकल कॉलेज हेतु 25 करोड़ रुपये , केजीएमयू में नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेन्शन एण्ड मैनेजमेण्ट फॉर बर्न इंजरी के लिए 2.07 करोड़ रुपये तथा केजीएमयू में नेशनल प्रोग्राम फॉर हेल्थ केयर फॉर एल्डरली हेतु 3.47 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2019-20 की अनुपूरक मांगों के अन्तर्गत सरकारी एवं सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं तथा स्वायत्तशासी शिक्षण संस्थाओं के एनपीएस से आच्छादित कार्मिकों के लिए नियोक्ता अंशदान, अभिदाता अंशदान के सम्बन्ध में 5004.03 करोड़ रुपये के अनुपूरक अनुदान का प्रस्ताव है। आशा कार्यकर्त्री, शहरी आशा एवं संगिनियों के लिए 50 करोड़ रुपए की अनुपूरक मांग की गयी है।
गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए राज्य सरकार के मूल बजट का आकार 04 लाख 79 हजार 701 करोड़ 10 लाख रुपये का है। इसमें राजस्व लेखे का व्यय 3,63,957.04 करोड़ रुपये तथा पूंजी लेखे का व्यय 1,15,744.06 करोड़ रुपये अनुमानित है।