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कोलकाता: तीसरे दिन भी हालात तनावपूर्ण, छावनी में तब्दील हुआ भाटपाड़ा
By Deshwani | Publish Date: 22/6/2019 2:39:48 PMकोलकाता । उत्तर 24 परगना जिले के भाटपाड़ा में 20 जून को हुई हिंसा में दो लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने के तीन दिन बाद भी हालात तनावपूर्ण हैं। आज भी क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ है। इलाके की सड़कें और गलियां सूनी पड़ी हैं। हिंसा के बाद अधिकतर लोगों ने घरों में ताला मार कर सपरिवार दूसरे क्षेत्रों में शरण ली है।
घटना के बाद पुलिस पूरे क्षेत्र में लगातार छापेमारी कर रही है। भाजपा के सांसद सुरेंद्र सिंह आहलूवालिया, सत्यपाल सिंह और बी डी राम के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा करने वाला है। किसी भी तरह की संभावित हिंसा से निपटने के लिए पुलिस ने पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया है। हर 50 मीटर के अंतर पर पुलिस पिकेट लगा दिया गया है। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के साथ-साथ रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) और कॉम्बैट की भी तैनाती की गई है, जो इलाके में गश्त लगा रहे हैं। इधर बताया गया है कि उक्त तीनों भाजपा सांसदों के साथ बैरकपुर से सांसद अर्जुन सिंह और राज्य के अन्य वरिष्ठ नेता हालात का जायजा लेने के लिए जाएंगे।
माना जा रहा है कि अगर भाजपा प्रतिनिधिमंडल को रोकने की कोशिश पुलिस करती है तो एक बार फिर टकराव की स्थिति बन सकती है। यह प्रतिनिधिमंडल मृतक के परिजनों और घायलों के परिजनों से मिलकर हालात का जायजा लेंगे। हिंसा कैसे फैली, लोगों की मौत कैसे हुई, पुलिस की क्या भूमिका रही है आदि के बारे में यह प्रतिनिधिमंडल एक रिपोर्ट तैयार करेगा जो केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को सौंपी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि 20 जून को दो समुदायों के बीच हुई हिंसा में रामबाबू साव (17) और धर्मवीर साव(35) की गोली लगने से मौत हो गई है। भाजपा का आरोप है कि पुलिस की गोली लगने से उनकी मौत हुई है और कई अन्य लोग घायल हैं। यह भी आरोप है कि पुलिस भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर रही है इसकी वजह से लोगों में भय का माहौल है। घटना के बाद ममता बनर्जी ने इस मामले में ठोस कार्रवाई का निर्देश दिया है। इलाके में शांति बहाली के लिए उन्होंने 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था लेकिन समय सीमा पूरी हो जाने के बावजूद क्षेत्र में शांति बहाल नहीं हो सकी है।