राज्य
मुख्यमंत्री ममता ने चिकित्सकों के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए बुलाया, चिकित्सकों में उभरा मतभेद
By Deshwani | Publish Date: 15/6/2019 12:44:20 PMकोलकाता। पश्चिम बंगाल में विगत पांच दिनों से चल रहे स्वास्थ्य संकट को टालने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज शाम पांच बजे राज्य सचिवालय नवान्न में आंदोलन कर रहे चिकित्सकों के प्रतिनिधियों को बैठक के लिए बुलाया है।
शुक्रवार रात मुख्यमंत्री ने इस बैठक के लिए बुलावा भेजा तब आंदोलनरत जूनियर चिकित्सकों ने आपस में बैठक कर रात के समय ही स्पष्ट कर दिया कि वे सचिवालय में नहीं जाएंगे लेकिन खबर है कि इस फैसले की वजह से चिकित्सकों में मतभेद हो गया है। कुछ का मानना है कि उन्हें जिद छोड़ कर मुख्यमंत्री के साथ बैठक करनी चाहिए जबकि कुछ चिकित्सक इस फैसले पर अडिग हैं कि वह सचिवालय में नहीं जाएंगे। उनका कहना था कि चूंकि घटना की शुरुआत एनआरएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल से हुई थी इसलिए मुख्यमंत्री को वहीं आकर बात करनी होगी।
सूत्रों के मुताबिक आंदोलनरत चिकित्सकों में से कुछ लोगों ने चिकित्सा धर्म की दुहाई देते हुए स्पष्ट किया है कि राज्य भर के गरीब असहाय लोग बिना इलाज दर-दर भटकने के लिए मजबूर हो रहे हैं ऐसे में जिद छोड़कर समस्या के समाधान के लिए सकारात्मक कदम उठाया जाना चाहिए। अस्पतालों में सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती और हमलावरों के खिलाफ ठोस कानूनी कार्रवाई के लिए राज्य सरकार अगर लिखित में आश्वासन देती है तो डॉक्टरों को अपना हड़ताल खत्म कर देना चाहिए। दोपहर बाद एक बैठक होगी जिसमें तय होगा कि मुख्यमंत्री के साथ सचिवालय में बैठक करने जाना है या नहीं।
उल्लेखनीय है कि गत 10 जून की रात एनआरएस अस्पताल में चिकित्सकों को मारने- पीटने के बाद राज्य भर के विभिन्न अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो गई हैं। सभी जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दिया है और राज्य भर में सैकड़ों वरिष्ठ डॉक्टरों ने इस्तीफा देकर आंदोलनरत जूनियर चिकित्सकों का साथ देना शुरू कर दिया है। इससे लाखों लोग बिना इलाज परेशान हो रहे हैं। ऐसे में शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री ने राज्य के पांच बड़े चिकित्सकों के साथ समस्या के समाधान के लिए बैठक कर सलाह मशविरा किया और उसके बाद आंदोलनरत चिकित्सकों को बैठक के लिए प्रस्ताव भेजा, उसके बाद से ऐसी उम्मीद जगी थी कि शायद अब समस्या का समाधान हो जाएगा।
सचिवालय सूत्रों के मुताबिक अगर डॉक्टर राज्य सचिवालय में नहीं जाएंगे तो मुख्यमंत्री को एनआरएस अस्पताल में जाना ही होगा। फिर भी राज्य स्वास्थ्य विभाग जी तोड़ कोशिश में लगा है कि आंदोलनरत चिकित्सकों के प्रतिनिधियों को सचिवालय में बुलाकर समस्या का समाधान कराया जा सके।