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केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना उड़ान-3 खोलेगी बौद्ध सर्किट के पर्यटन विकास की राह
By Deshwani | Publish Date: 23/5/2019 12:18:01 PM
केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना उड़ान-3 खोलेगी बौद्ध सर्किट के पर्यटन विकास की राह

कुशीनगर। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना उड़ान-3 यूपी के बौद्ध सर्किट के पर्यटन विकास की राह खोलेगी। बौद्ध सर्किट के कुशीनगर व श्रावस्ती तक उड़ान के लिए टर्बो एविएशन व एयरपोर्ट अथार्टी आफ इंडिया के मध्य एमओयू साइन हुआ है। बौद्ध धर्म के यह दोनों महत्वपूर्ण स्थलों पर बोधगया व लखनऊ से सीधी फ्लाइट होगी। 

 
उप्र के बौद्ध सर्किट में सर्वाधिक भागीदारी वाले देश थाईलैंड से सैलानियों की ज्यादातर उड़ाने बोधगया व लखनऊ आती हैं। यहां से पर्यटक मात्र 30 से 40 मिनट में कुशीनगर व श्रावस्ती पहुंच जायेंगे। 19 जुलाई से सम्भावित हवाई सेवा के शुरू होने से यहां के पर्यटन उद्योग के बूम कर जाने की बात कही जा रही है। कुशीनगर व श्रावस्ती में बौद्ध देश थाईलैंड, म्यांमार, कोरिया, जापान, श्रीलंका, चीन, भूटान आदि देशों के आलावा यूरोप व अमेरिका, मलेशिया से भी सैलानी आते है।
 
विदेशी सैलानियों का बार्षिक आंकड़ा लगभग 80147 व देशी सैलानियों का आंकड़ा 897546 सालाना का है। वर्तमान में यहां आने का एक मात्र जरिया सड़क मार्ग ही है। ऐसे में सैलानियों एयर कनेक्टिविटी मिलने सैलानियों की संख्या बढ़ेगी बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेगी।
 
 
कुशीनगर में गौतम बुद्ध का निर्वाण हुआ था। बुद्ध ने यहां पर अपने अंतिम शिष्य  आनन्द को उपदेश दिया था। यहां के महापरिनिर्वाण मन्दिर में स्थित बुद्ध 5वीं सदी की शयन मुद्रा वाली प्रतिमा सैलानियों के आकर्षण का केंद्र हैं। यह प्रतिमा भिन्न भिन्न कोण से भिन्न भिन्न मुद्राओं में दिखाई देती है। 
 
 
श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने जेतवन बिहार की स्थापना की थी। माना जाता है कि यहां के धर्म सभा मण्डप से अपने तीन चौथाई उपदेश दिए। पुरे संसार में विशिष्ट महत्व रखने वाले श्रावस्ती में जेतवन समेत दन्त कुटी, संघाराम, राजकराम श्रावस्ती में ही स्थित हैं। यहां से बुद्ध की ननिहाल कपिलवस्तु व जन्म स्थली नेपाल देश में स्थित लुम्बिनी नजदीक है। 
 
 
कुशीनगर एयरपोर्ट पर राज्य सरकार ने कुल 600 करोड़ खर्च किये हैं। 200 करोड़ रन वे, एप्रन, चहारदीवारी, फायर बिल्डिंग, एटीसी बिल्डिंग पर खर्च किए गए है। भूमि खरीद पर 400 करोड़ खर्च किए गए। इसके अतिरिक्त ब्रिटिशकालीन एयरस्ट्रिप की 190 एकड़ जमीन भी एयरपोर्ट में समाहित कर ली गई। 
 
 
कुशीनगर के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व एयरपोर्ट के नोडल अधिकारी अभिषेक पांडेय का कहना है कि बौद्ध स्थली से उड़ान शुरू होने से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। उस अनुरूप निजी व सरकारी क्षेत्र इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का कार्य तेज करेंगे। जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार में भी वृद्धि होगी। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, व्यापार के क्षेत्र में अवसर पनपेंगे।
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