कुशीनगर। भानु तिवारी। कुशीनगर जिले के कपतानगंज नगर में सातवें चरण के चुनावी सभा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। जिसमें गन्ना किसानों की उम्मीद थी कि गन्ना किसानों की वर्तमान समस्या गन्ना पराई हेतु चीनी मिलों की सथापना के संबंध में प्रधानमंत्री कुछ बोलेंगे। लेकिन इस समस्या पर मोदी का भाषण व आशवासन नहीं मिला। जिससे गन्ना किसानों के मनसुबे पर पानी फिर गया। दूर- दूर से आये किसानों को निराशा ही हाथ लगी।
पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी ने अपने जिला मुख्यालय पर हुए भाषण में कहा था कि सरकार बनते ही पडरौना चीनी मिल चलेगी। उस सभा में वर्तमान केन्द्रीय राज्य मंत्री आर पी एन सिंह को इशारों मे कहा था कि उनके गोद में पडरौना चीनी मिल है कयो नही चली! कभी देवरिया जिले में कुशीनगर गन्ना जिला हुआ करता था। उस समय इस गन्ना जिले में कठकुईयां, पडरौना, सेवरही, रामकोला में दो, कपतानगंज, लक्षमीगंज , छितौनी , खड्डा चीनी मिलें थी।
जिसमें कठकुईयां, पडरौना कानपुर शुगर वर्क लि० की दो चीनी मिल, राजय चीनी निगम की रामकोला, छितौनी, लक्षमीगंज, छितौनी, खड्डा चीनी मिले एक - एक करके बंद हो गई। यद्यपि कुशीनगर जिले की भूमि की संरचना गन्ना उतपादन हेतु उपयोगी है। इसी से यहाँ का किसान कम लागत में गन्ना का उत्पादन करता है। इन चीनी मिलों को शुरू कराने के लिए सांसद राम नगीना मिश्र, आर पी एन सिंह, रामधारी गुप्ता, ने समय- समय पर आंदोलन की। लेकिन ये बंद चीनी मिलें नहीं चल सकीं। बल्कि इन चीनी मिलों को तत्कालीन सरकारे बेचने की कार्य की।
लेकिन मोदी पर गन्ना किसानों का विश्वास था कि जिले के एक लाख 42 हजार किसानों का परिवार का मुख्य आर्थिक फसल गन्ना का बेड़ा पार हो जायेगा। इसी उम्मीद से गन्ना किसान रविवार को होने वाली मोदी की चुनावी सभा में भीड़ जुटा कर पहुंचे हुए थे। लेकिन उनके भाषण में इसका न उल्लेख होना कहीं न कहीं भाजपा की चूक मानी जा रही है। एक गन्ना किसान ने यहाँ तक कह दिया कि जिले के भाजपा नेताओं ने इसका जिक्र कभी भी प्रधानमंत्री से नहीं किया है।