अयोध्या। उत्तर प्रदेश के फैजाबाद लोकसभा सीट पर पूरे देश की नजर टिकी है। इस सीट पर पांचवें चरण में छह मई को मतदान होना है। यहां देश की राजनीतिक ध्रुवीकरण का अहम मुद्दा राम मंदिर केंद्र में होता है, लेकिन सच्चाई यह है कि यहां की जनता के लिए इलाके के चहुंमुखी विकास का मुद्दा ही अहम है।
फैजाबाद में वर्ष 1957 के पहले लोकसभा चुनाव से लेकर 2014 के चुनाव के बीच कांग्रेस का सात बार तो भाजपा का चार बार इस सीट पर कब्जा रहा है। फैजाबाद सीट पर कांग्रेस से डॉ.निर्मल खत्री दो बार, भाजपा से विनय कटियार तीन बार सांसद निर्वाचित हुए। जबकि स्व.मित्रसेन यादव भाकपा, सपा व बसपा से अलग-अलग चुनाव लड़कर तीन बार सांसद चुने गये।
1957 में राजाराम मिश्र इंडियन नेशनल कांग्रेस से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए। उसके बाद 1962 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी के ब्रिजबासी लाल ने जीत हासिल की थी। जबकि 1967 और 1971 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के रामकृष्ण सिन्हा लगातार दो बार सांसद रहे हैं। 25 जून 1975 की आधी रात में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल घोषित कर दिया था। यह आपातकाल से 21 मार्च 1977 तक प्रभावी रहा। इसके बाद वर्ष 1977 में लोकसभा चुनाव की फैजाबाद लोकसभा सीट पर लोकदल के अनन्तराम जायसवाल निर्वाचन हुए।
वर्ष 1980 में देश में हुए मध्यावधि चुनाव में कांग्रेस पार्टी के जयराम वर्मा ने विजय श्री हासिल की। इसके बाद 1984 में हुए लोकसभा सामान्य चुनाव में फैजाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से डॉ.निर्मल खत्री ने चुनाव जीता और वर्ष 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से स्व.मित्रसेन यादव ने कांग्रेस को पटकनी देते हुए जीत दर्ज की। वर्ष 1991 और वर्ष 1996 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के विनय कटियार लगातार चुनाव जीतते रहे। हालांकि वर्ष 1998 में एक बार भाजपा को पटकनी देते हुए जिले के चर्चित राजनीतिज्ञ स्व. मित्रसेन यादव ने समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़कर यह सीट भाजपा से छीन ली। लेकिन वर्ष 1999 में एक बार फिर भाजपा के विनय कटियार ने विजय श्री हासिल की। हालांकि 2004 में मित्रसेन यादव एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी से जीत कर सांसद चुने गये। वर्ष 2009 में कांग्रेस के डॉ. निर्मल खत्री ने जीत हासिल की।
जबकि 16वीं लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा के लल्लू सिंह को चार लाख 91 हजार 761 रिकार्ड मत मिले थे। जबकि दूसरे स्थान पर रहे सपा के स्व.मित्रसेन यादव को दो लाख आठ हजार 986 मत प्राप्त हुए थे। तीसरे नंबर पर बसपा के प्रत्याशी रहे जितेन्द्र सिंह बबलू को एक लाख 41 हजार 827 मत पर ही संतोष करना पड़ा। कांग्रेस पार्टी के डॉ.निर्मल खत्री को एक लाख 29 हजार 917 वोट मिला वह चौथे स्थान पर रहे।
17 वीं सपा- बसपा- रालोद गठबंधन में यह सीट सपा के खाते में गई है। कांग्रेस को छोड़कर अभी तक किसी दल ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। भाजपा की पहली दूसरी ओर तीसरी लिस्ट में इस लोकसभा के प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई है।