दिल्ली में वकीलों का प्रदर्शन, केंद्र से की सरकारी कर्मचारियों जैसी सुविधाओं की मांग
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में आज वकीलों ने पटियाला हाउस कोर्ट से जंतर-मंतर तक मार्च निकालकर प्रदर्शन किया। सड़कों पर उतरे वकीलों की मांग है कि केंद्र सरकार उनके लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट से लेकर मेडिकल सुविधा, इंश्योरेंस, हाउस लोन, पेंशन स्कीम जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करे।
इसके अलावा उनकी मांग है कि प्रैक्टिस शुरू करने वाले नए वकीलों को शुरुआती 5 साल में सरकार की तरफ से कुछ वजीफा देना भी तय किया जाए। इस प्रदर्शन को लेकर उनका तर्क यह है कि वो आम लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए पूरी जिंदगी काम करते हैं, लिहाजा वकीलों और उनके परिवार को सरकार की तरफ से कुछ सुविधाएं और जीवन सुरक्षा मिली चाहिए।
वकीलों की मांग और प्रदर्शन को बार काउंसिल ऑफ इंडिया, बार काउंसिल ऑफ दिल्ली भी सपोर्ट कर रहा है। वकीलों का कहना है कि उन्हें केंद्र सरकार से ऐसी ही सुविधाएं मिलनी चाहिए जो अमूमन सरकारी कर्मचारियों को मिलती हैं। वकील चाहते हैं कि केंद्र सरकार अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही वकीलों को यह सुविधाएं मुहैया कराए। हालांकि पार्लियामेंट का सत्र खत्म हो रहा है और आचार संहिता लागू होने वाली है। ऐसे में देखना होगा कि केंद्र सरकार और कानून मंत्री वकीलों की मांगों को कितनी गंभीरता से लेते हैं।
बता दें कि वकीलों के इस प्रदर्शन की वजह से इंडिया गेट और आसपास के इलाकों में घंटे भर ट्रैफिक जाम रहा। इस प्रदर्शन में दिल्ली-एनसीआर के अलावा कई राज्यों के वकील भी इकट्ठा हुए। इस प्रदर्शन के चलते दिल्ली की सभी जिला अदालतों में काम ठप रहा।
गौरतलब है कि हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ हुई बैठक में बार एसोसिएशन प्रतिनिधियों ने बात की थी। वकीलों का दावा था कि दिल्ली सरकार 50 करोड़ का सिक्योरिटी वेलफेयर फंड वकीलों के लिए इस बजट में देने को तैयार हो गई है।
अब इस चुनावी साल में देखना होगा कि वकीलों की मांगों को दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार में से कौन ज्यादा तवज्जो देता है। अकेले दिल्ली में ही वकीलों की तादाद एक लाख से ऊपर है। लिहाजा कोई भी सरकार इस चुनावी साल में अपने एक लाख वोटरों को नाराज होने का मौका नहीं देना चाहेगी।