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मुजफ्फरनगर दंगा: कवाल हत्याकांड मामले में सभी सातों दोषियों को उम्रकैद, 60 से अधिक की गई थी जान
By Deshwani | Publish Date: 8/2/2019 4:43:21 PM
मुजफ्फरनगर दंगा: कवाल हत्याकांड मामले में सभी सातों दोषियों को उम्रकैद, 60 से अधिक की गई थी जान

मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर के कवाल में 2 भाइयों सचिन और गौरव की हत्या के मामले में एडीजे कोर्ट ने सभी 7 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। बुधवार को कोर्ट ने सातों को दोषी ठहराया था। 2013 में गौरव और सचिन की हत्या और कवाल गांव में दंगों के मामले में 7 लोगों- मुजम्मिल, मुजस्सिम, फुरकान, नदीम, जहांगीर, अफजल और इकबाल को दोषी ठहराया गया था। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने आज की तारीख सजा के लिए मुकर्रर की थी। 

 
तकरीबन साढ़े 5 साल पहले 27 अगस्त 2013 को कवाल कांड के बाद मुजफ्फरनगर और शामली में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे। इसमें 60 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों परिवार बेघर हुए थे। मामले में सरकारी वकील आशीष कुमार त्यागी ने बताया कि साल 2013 में सचिन और गौरव नाम के दो युवकों और आरोपियो में मोटरसाइकिल की टक्कर के बाद विवाद हो गया था। इसमें दोनों युवकों की हत्या कर दी गई थी। आरोपी पक्ष के शाहनवाज की भी इस दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद से मुजफ्फरनगर और शामली में सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा था। 
 
मृतक गौरव के पिता ने जानसठ कोतवाली में कवाल के मुजस्सिम, मुजम्मिल, फुरकान, नदीम, जहांगीर, अफजाल और इकबाल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं, मृतक शाहनवाज के पिता ने भी सचिन और गौरव के अलावा उनके परिवार के 5 सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। हालांकि स्पेशल इन्वेस्टिगेशन सेल ने जांच के बाद शाहनवाज हत्याकांड में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी थी। 
 
गौरतलब है कि हाल ही में यूपी सरकार ने साल 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के 38 आपराधिक मामलों को वापस लेने की सिफारिश की थी। इन मुकदमों को वापस लेने की संस्तुति रिपोर्ट 29 जनवरी को मुजफ्फरनगर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को भेजी गई थी। यूपी सरकार ने पिछले 10 जनवरी को इन मुकदमों को वापस लेने की स्वीकृति दी थी।
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