नई दिल्ली। मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स इलाके की कोयला खदान में फंसे 15 मजदूरों को बचाने की जद्दोजहद का आज 18वां दिन है। उनकी तलाश में जुटी टीमों को अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है। वहीं इन टीमों को आज खदान में फंसे मजदूरों की तलाश के दौरान सान खदान में 3 हेलमेट बरामद हुए हैं। दावा किया जा रहा है कि ये हेलमेट उन्हीं मजदूरों में 3 मजूदरों के हैं, जो खदान में फंसे हुए हैं।
मेघालय की 370 फुट गहरी इस अवैध कोयला खदान में 13 दिसंबर से फंसे 15 खनिकों को बचाने के अभियान में आज भारतीय नौसेना भी शामिल होगी। अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
नौसेना के प्रवक्ता ने एक ट्वीट में कहा कि आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम से 15 सदस्यीय गोताखोर टीम शनिवार की सुबह पूर्वी जयंतिया पर्वतीय जिले के सुदूरवर्ती लुम्थारी गांव पहुंचेगी।
उन्होंने कहा, ‘यह टीम विशेष रूप से डाइविंग उपकरण ले जा रही है, जिसमें पानी के भीतर खोज करने में रिमोट संचालित वाहन शामिल हैं।’ पंप निर्माता कंपनी किर्लोस्कर बदर्स लिमिटेड और कोल इंडिया ने भी शुक्रवार को संयुक्त रूप से मेघालय के उस सुदूरवर्ती कोयला खदान के लिए 18 हाई पावर पंप रवाना किए गए। किर्लोस्कर कंपनी के कर्मी वहां पहुंच चुके हैं। इन पंपों से खदान के अंदर का पानी निकाला जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वायुसेना ने भुवनेश्वर से विमान के जरिये 10 पंप पहुंचाए।
ओडिशा दमकल सेवा की 20 सदस्यीय टीम भी भुवनेश्वर से उपकरणों के साथ शुक्रवार को शिलांग के लिये रवाना हुई थीं। उपकरणों में हाई पावर पंप, हाईटेक उपकरण और तलाशी एवं बचाव अभियान में स्थानीय प्रशासन के लिए मददगार कई गैजेट शामिल हैं।
एक अधिकारी ने कहा, 'वे कोयला खदान में फंसे मजदूरों को बचाने में स्थानीय अधिकारियों की मदद करेंगे। अधिकारी ने बताया कि दल के पास कम से कम 20 हाई पावर पम्प है। प्रत्येक पम्प एक मिनट में 1,600 लीटर पानी निकालने में सक्षम है। उन्होंने कहा, 'ओडिशा उन चुनिंदा राज्यों में से एक है जिसे इस तरह की आपदाओं से निपटने का अनुभव है।' मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने कोयला खदान मुद्दे पर राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी।