नई दिल्ली। मिजोरम की 40 सीटों पर कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मिजोरम के पुलिस उपमहानिरीक्षक जोसफ लालछुआना ने बताया कि राज्य के चुनावी इतिहास में पहली बार सभी मतदान केंद्रों को वायरलेस संचार के दायरे में लाया जाएगा। इससे मतदान के बारे में समय से जानकारी मिल सकेगी।
चुनाव आयोग के मुताबिक, प्रदेश की 40 सीटों पर सुबह 9 बजे तक 15 फीसदी मतदान हुआ। मिजोरम में मतदान के लिए युवाओं के साथ बुजुर्गों में भी उत्साह देखने को मिल रहा है। कन्नमुन में एक मतदान केंद्र पर वोट डालने के बाद एक बुजुर्ग महिला का उत्साह देखने वाला था। मिजोरम के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी जोराम्मुआना ने कहा अभी तक राज्य में कहीं से भी किसी तरह की अप्रिय घटना की खबर नहीं आई है।
भाजपा और कांग्रेस दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के अलावा कई क्षेत्रीय एवं स्थानीय पार्टियां ने भी 40 सदस्यीय विधानसभी सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों को उतारा है। इनमें मिजो नेशनल फ्रंट (एनएनएफ), पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन फॉर आइडेंटिटी एंड स्टेटस ऑफ मिजोरम (पीआरआईएसएम), जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) शामिल हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और एमएनएफ के बीच हो सकता है।
उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव तक, सभी क्षेत्रों को वायरलेस प्रौद्योगिकी से नहीं जोड़ा जाता था। इससे दूरदराज के मतदान केंद्रों से जानकारी देर से प्राप्त होती थी। उन्होंने कहा कि इस कदम से राज्य का कोई भी क्षेत्र संचार के दायरे से दूर नहीं रह पाएगा। चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रणाली के संचालन के मद्देनजर मिजोरम पुलिस कर्मियों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए थे। लालछुआना ने कहा, "हम इसमें गर्व महसूस करते हैं. हमने अपने डीजीपी बालाजी श्रीवास्तव की प्रत्यक्ष निगरानी में इसका परीक्षण किया है।’’
मिजोरम में 7,70,395 मतदाता हैं जो 1,164 मतदान केंद्रों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। त्रिपुरा के छह शिविरों में रहने वाले ब्रू शरणार्थियों के लिए ममित जिले के कानहमुन गांव में अतिरिक्त 15 विशेष मतदान केंद्र बनाए गए हैं।