ग्वालियर। मोदी सरकार द्वारा दलितों की नाराजगी को दूर करने के लिए SC/ST एक्ट में संशोधन के बाद इसे पूरेे मूल रूप में बहाल करने का फैसला तूल पकड़ता जा रहा है। सवर्ण समाज में एससी/एसटी एक्ट में हुए संशोधन के खिलाफ काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है। एससी/एसटी एक्ट के विरोध में आज ग्वालियर में बड़ी रैली निकाली जा रही है। ग्वालियर में एक्ट में संशोधन कर इसे मूल रूप में बहाल करने के खिलाफ आज 'भारत बंद' का ऐलान किया गया है। एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी, कर्मचारी संस्था (सपाक्स) द्वारा यह आंदोलन पूरे राज्य में फैलता जा रहा है, जिससे भाजपा के साथ ही कांग्रेस की भी नींद उड़ी हुई है।
बता दें SC/ST एक्ट पर 2 अप्रैल को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलित वर्ग ने इसका खासा विरोध किया था, जिसके चलते ग्वालियर, चंबल और शिवपुरी में काफी हिंसा फैली थी। ऐसे में SC/ST एक्ट में हुए संशोधन के बाद इसे मूल रूप से बहाल करने के फैसले पर सवर्ण समाज भी एकजुट होकर आंदोलन के लिए आगे बढ़ा है। एक्ट के विरोध में आज ग्वालियर के फूलबाग मैदान में स्वाभिमान सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा। इस सम्मेलन में क्षत्रिय महासभा, गुर्जर महासभा और परशुराम सेना भाग लेंगी। साथ ही प्रवचनकार देवकीनंदन ठाकुर भी इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे।
अप्रैल में हुए आंदोलन के बाद फैली हिंसा को देखते हुए शिवपुरी में धारा 144 लागू कर दी गई है। ताकि किसी भी तरह की हिंसा से बचा जा सके। शिवपुरी जिले में आज से 7 सितंबर तक धारा 144 लागू रहेगी। बता दें सपाक्स ने 6 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। इस दौरान पूरे शहर में रैली, जुलूस, शोभायात्रा निकाली जाएगी। ऐसे में जुलूसों और रैलियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए जिला कलेक्टर ने शहर में शांति बनाए रखने के लिए धारा 144 का फरमान जारी किया है।
SC/ST एक्ट के विरोध में सवर्ण समाज आज ग्वालियर में वाहन रैली निकालेगा। यह वाहन रैली अचलेश्वर महादेव मंदिर से शुरू होकर मोतीमहल पहुंचेगी। जहां सवर्ण समाज संभाग आयुक्त को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेगा। यह रैली आज सुबह 11 बजे से शुरू होगी। जिसके बाद रैली पूरे शहर में यह रैली निकाली जाएगी। बता दें इससे पहले ग्वालियर में सवर्ण समाज के लोगों ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर का घेराव कर उनसे इस्तीफे की भी मांग की थी। वहीं कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय मंत्री थारवचंद गहलोत को भी सवर्णों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था।