नई दिल्ली। केरल में फिलहाल बारिश तो थम गई, लेकिन बर्बादी और तबाही अब भी जारी है। बारिश थमने से आखिरकार लोगों ने थोड़ी राहत की सांस जरूर ली, मगर इससे पहले भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से मची त्रासदी ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया और सैकड़ों की जानें ले लीं।10 ज़िलों से रेड अलर्ट हटा लिया गया है, लेकिन अब भी हज़ारों लोग जगह जगह फंसे हैं, जिन्हें निकालने के लिए सेना और दूसरी टीमें जी-जान से जुटी हैं। लोगों को बाढ़ वाली जगह से निकालकर साफ सुरक्षित जगह पहुंचाया जा रहा है। केरल में बाढ़ का पानी तो बह गया है, लेकिन पीछे छोड़ गया है ऐसी मुसीबत जिससे पार पाना यहां के लोगो के लिए आसान नहीं। बर्बादी के सैलाब से अस्त-व्यस्त हुई जिंदगी धीरे-धीरे ही सही, लेकिन पटरी पर लौट रही है।
केरल में बाढ़ का पानी अब धीरे-धीरे कम हो रहा है और इस कम होते पानी के साथ-साथ यहां के लोगों की भी जिंदगी धीरे ही सही, लेकिन पटरी पर आना शुरु हो गई है। बाढ़ आई थी तो तबाही का सैलाब लाई थी। अब पानी तो बह गया, लेकिन पीछे छोड़ गया बर्बादी का कीचड़ और मुसीबतों का अंबार। लगातार हो रही मूसलाधार बरिश अब रुक-रुक कर हो रही है। जिससे पूरी तरह डूब चुके इलाकों में पानी का स्तर कम होता जा रहा है।
प्रदेश में बाढ़ की विभीषिका के कारण 7,24,649 लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। बाढ़ पीड़ितों के लिए 5,645 राहत शिविर बनाए गए हैं। बाढ़ की त्रासदी ने 370 जिंदगियां लील लीं।केरल में इस बीच कई दिनों के बाद विमान सेवा शुरू हुई है। कोच्चि एयरपोर्ट बाढ़ के पानी की वजह से पूरी तरह डूब गया था, जिसके बाद अब नेवल एयर स्टेशन पर विमान सेवा को शुरू किया गया है। अब लगातार कमर्शियल फ्लाइट सेवा जारी रहेगी, अधिकतर फ्लाइट बेंगलुरु और कोयंबटूर से उड़ान भरेंगी।
राज्य के कई बांधों के गेट भी बंद कर दिए गए। ऐसे में लोग अब फिर से घरों ओर लौट रहे हैं। जो घर अभी कुछ दिन पहले तक पीनी में पूरी तरह डूब चुके थे, वहां अब पानी तो नहीं बीमारी को कई मुसीबतों को दावत देने वाला कीचड़ जमा हो गया है, जिसे लोग निकालने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं। वहीं केरल के कुछ और भी इलाके हैं, जहां जिंदगी फिर पटरी पर लौटती दिखाई दे रही है। जो सड़के नदी जैसी दिखने लगी थी, कुछ दिन पहले तक यहां नाव चल रही थी, लेकिन अब फिर से गाड़िया चलने लगी हैं।