नई दिल्ली। भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का दिल्ली के एम्स में कल शाम निधन हो गया। वाजपेयी के निधन से देशभर में शोक की लहर है। केंद्र सरकार की ओर से दुख की इस घड़ी में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है वहीं देश के कई राज्यों में भी राजकीय शोक का ऐलान किया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 7 दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है।
यूपी से वाजपेयी का गहरा नाता रहा है और इसी राज्य को उनकी कर्मभूमि कहा जाता है। वह लखनऊ से सांसद रहे और यूपी में बीजेपी को सत्ता के शिखर तक पहुंचाने में वाजपेयी का अहम योगदान है। यही वजह है कि वाजपेयी के सम्मान में राज्य के सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेजों को आज बंद रखने का फैसला किया गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के निधन पर गहरा दुःख हुआ। भारतीय राजनीति के शलाका पुरुष पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्वेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन भारत की राजनीति के महायुग का अवसान है।
श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि था। वाजपेयी जी भारतीय राजनीति में मूल्यों और आदर्शों को प्राथमिकता देने वाले, स्वतंत्र भारत के ढांचागत विकास के दूरदृष्टा थे। भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में अटल जी जैसा विराट व्यक्तित्व मिलना कठिन है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी घोषणा की कि वाजपेयी के पैतृक स्थान बटेश्वर, शिक्षा क्षेत्र कानपुर, प्रथम संसदीय क्षेत्र बलरामपुर और कर्मभूमि लखनऊ में उनकी स्मृतियों को जिंदा रखने के लिए विशिष्ट कार्य किये जाएंगे. साथ ही उनकी अस्थियां हर जिले की पवित्र नदियों में प्रवाहित की जाएंगी।