राज्य
मायावती और अखिलेश के शासन में शिक्षकों की भर्ती गड़बड़ी का पर्दाफास
By Deshwani | Publish Date: 13/7/2018 1:52:02 PMलखनऊ। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने अखिलेश यादव व मायावती के मुख्यमंत्रित्वकाल में भर्तियों में गड़बडिय़ों का बड़ा राजफाश किया है। 2011, 2013 व 2016 में प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक (टीजीटी-पीटीजी) के ऐसे विषयों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू हुई, जो विषय ही प्रदेश के माध्यमिक कालेजों में नहीं हैं। ताज्जुब है कि वर्ष 2013 के जीव विज्ञान स्नातक शिक्षक के पद पर 187 अभ्यर्थियों का चयन करके कालेजों में भेजा गया। उनमें से अधिकांश ने बिना पद के ही ज्वाइन भी कर लिया है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि वहां जीव विज्ञान पढ़ाया ही नहीं जाता है। इसी विषय में 2011 के 65 पदों की लिखित परीक्षा का रिजल्ट जारी होना है।
यही स्थिति वनस्पति विज्ञान के शिक्षकों की भर्ती में भी देखी गई। शुरुआती जांच के बाद टीजीटी और पीजीटी के आठ विषयों का विज्ञापन ही शासन ने निरस्त कर दिया है, जो कि साल 2016 में दिया गया था।
निरस्त किए गए विषयों में जीव विज्ञान, संगीत, टंकण, पुस्तक कला, काष्ठ शिल्प, और आशु टंकण शामिल हैं. यानी इन विषयों के शिक्षकों की भर्ता के लिए 2016 मे दिए गए विज्ञापन और आवेदन अब अमान्य होंगे।