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उत्तराखंड में बारिश का कहर, दून में बादल फटा, बागेश्वर और पिथौरागढ़ को जोडऩे वाला पुल ध्वस्त
By Deshwani | Publish Date: 12/7/2018 3:28:42 PMदेहरादून। पहाड़ में बारिश ने बरपाया कहर सीमाद्वार क्षेत्र में बादल फटने से एक ही परिवार के चार लोग मकान के मलबे में जिंदा दफन हो गए, जबकि इसी परिवार के दो अन्य करीबी घायल हो गए। कई कालोनियों में लोगों के घरों में पानी घुस गया। दून में हुई मूसलाधार बारिश ने तीन और जिंदगियां लील लीं। इनकी नदी-नालों के उफान में बहने से मौत हुई। पांच मवेशी भी मारे गए। शहरों जगह-जगह जलभराव की स्थिति बनी रही। दीवारें टूटने से कई इलाकों में वाहनों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। कुमाऊं मंडल में बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले को जोडऩे वाला पुल उफनाती रामगंगा नदी में बह गया।
यमुनोत्री हाईवे पूरे दिन बाधित रहा, जबकि बदरीनाथ सुबह करीब तीन घंटें बंद रहा। हालांकि, पैदल यात्रा जारी रही। भूस्खलन की वजह से देहरादून-मसूरी के बीच भी दोपहर तक वाहनों की आवाजाही ठप रही। प्रदेशभर में कुल मिलाकर 115 संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं। नदियों के उफान को देखते हुए अधिकांश जिलों में इनके किनारे की बस्तियों को खाली करा दिया गया है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में रात दो बजे से सुबह आठ बजे तक बारिश का क्रम चला। हालांकि सबसे ज्यादा प्रभावित देहरादून, पिथौरागढ़ और बागेश्वर रहे। यहां बारिश ने तबाही मचाई। देहरादून में सीमाद्वार से एफआरआइ क्षेत्र के बीच सुबह करीब सवा पांच बजे बादल फटा। इससे सीमाद्वार क्षेत्र में सटे शास्त्रीनगर खाले के बरसाती नाले में आए उफान में दो कच्चे मकान जमींदोज हो गए। इनमें से एक मकान में दंपती और उसके दो बच्चे सो रहे थे, चारों की मलबे में दबकर मौत हो गई। उनकी पहचान संतोष साहनी, उसकी पत्नी सुलेखा साहनी, बेटे धीरज और नीरज के रूप में हुई। वे मूल रूप से बिहार के दरभंगा जिले के तारसराय मठिया गांव के रहने वाले थे। संतोष का परिवार मजदूरी करता था। उन्हीं के पड़ोस में उसके ससुर जगदीश साहनी और साढू भाई प्रमोद साहनी भी कच्चा मकान बनाकर रह रहे थे, वह भी मलबे की चपेट में आ गया, हादसे में दोनों चोटिल हो गए।