बागपत। उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या कर दी गई है। जानकारी के मुताबिक, सुबह करीब 6.30 बजे हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया। पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में मुन्ना बजरंगी की पेशी होनी थी। उसको रविवार झांसी से बागपत लाया गया था। इसी दौरान जेल में उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक मुन्ना बजरंगी को 10 गोलियां मारी गईं।
ज्ञात हो कि 29 जून को मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने मीडिया से कहा था कि उनके पति की जान को खतरा है। मुन्ना बजरंगी पर हत्या और लूट समेत करीब 40 गंभीर मामले दर्ज हैं। मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश है। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए एडीजी जेल ने बागपत के जेलर, डिप्टी जेलर, जेल वॉर्डन और दो सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। इसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं। मुन्ना के साले विकास श्रीवास्तव ने बताया कि उसे 10 गोली मारी गई है। उन्होंने भी सुनील राठी पर आरोप लगाए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक जेल में बंद कुख्यात बदमाश सुनील राठी के शूटर्स ने मुन्ना बजरंगी को गोली मारी है। प्रमुख सचिव गृह ने इस हत्याकांड की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। मुन्ना पर बड़ौत के पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित और उनके भाई नारायण दीक्षित से 22 सितंबर 2017 को फोन पर रंगदारी मांगने और धमकी देने का आरोप था।
मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है. उसका जन्म 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था। उसके पिता पारसनाथ सिंह उसे पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाने का सपना संजोए थे। मुन्ना बजरंगी ने उनके अरमानों को कुचल दिया। उसने पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी। इसके बाद जुर्म की दुनिया में कदम रख दिया।
उसे जौनपुर के दबंग गजराज सिंह का संरक्षण हासिल हो गया। इसी दौरान 1984 में मुन्ना ने लूट के लिए एक व्यापारी की हत्या कर दी। इसके बाद उसने गजराज के इशारे पर ही जौनपुर के भाजपा नेता रामचंद्र सिंह की हत्या करके पूर्वांचल में अपना दम दिखाया। 90 के दशक में पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी के गैंग में शामिल हो गया था।
मुन्ना बजरंगी पर उत्तर प्रदेश समते कई राज्यों में मुकदमे दर्ज थे। वह पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन चुका था। उसके खिलाफ सबसे ज्यादा मामले यूपी में दर्ज हैं। 29 अक्टूबर 2009 को दिल्ली पुलिस ने मुन्ना को मुंबई के मलाड इलाके में नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया था। ऐसा माना जाता है कि एनकाउंटर के डर से उसने खुद गिरफ्तारी करवाई थी।