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बुराड़ी कांड: लालकिताब की तरह रजिस्टर से गुत्थी सुलझाने में जुटे पुलिस
By Deshwani | Publish Date: 3/7/2018 10:47:28 AM
बुराड़ी कांड: लालकिताब की तरह रजिस्टर से गुत्थी सुलझाने में जुटे पुलिस

नई दिल्ली। दिल्ली के बुराड़ी में 11 मौतों की मिस्ट्री से अब पर्दा हटता जा रहा है। पुलिस लाल किताब की तरह घर से बरामद रजिस्टर से मौत की गुत्थी सुलझाने में लगे हुए है। आप लाल किताब की कहानी के बारे जानते ही होंगे, लाल किताब की हर पन्ने को पटने पर अपने आप समस्या का समाधान निकलते ही जाते थे। ठीक उसी तरह दिल्ली पुलिस भी बुराड़ी में हुए 11 मौतों के मामले को रजिस्टर के पन्ने पलट-पलट कर गुत्थी सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। अब देखना होगा कि अपराधियों को पकड़वाने में रजिस्टर पर दर्शाया गया लेख सफल होता है या नहीं। संत नगर के घर से शवों के अलावा जो रजिस्टर बरामद हुआ है, उसमें लिखा हर शब्द भाटिया परिवार की मौत को अंधविश्वास और मोक्ष की प्राप्ति के लिए उठाए गए कदम की ओर ले जा रहा है। अब इस रजिस्टर में लिखी एक और हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है।

अब तक की जांच में ये बात सामने आ रही थी कि भाटिया परिवार के छोटे बेटे यानी ललित ने पूरे परिवार की मौत की पटकथा लिखी है। जांच टीम को ऐसे सबूत मिले हैं कि रजिस्टर में मौत की कहानी ललित के हाथों से लिखी गई है। अब पता चला है कि ललित के पिता ही उसका मार्गदर्शन कर रहे थे। वो पिता जो इस दुनिया से पहले ही जा चुके हैं, वही सपने में आकर ललित को बताते थे कि क्या करना है और कैसे करना है।

जांच टीम सूत्रों के मुताबिक, रजिस्टर में ऐसे ही बातें लिखी पाई गई हैं। रजिस्टर में लिखा है, 'पिताजी ने कहा है कि आखिरी समय पर झटका लगेगा, आसमान हिलेगा, धरती हिलेगी, लेकिन तुम घबराना मत, मंत्र जाप तेज कर देना, मैं तुम्हें बचा लूंगा। जब पानी का रंग बदलेगा तब नीचे उतर जाना, एक दूसरे को नीचे उतारने में मदद करना। तुम मरोगे नहीं, बल्कि कुछ बड़ा हासिल करोगे। यानी ललित को अपने पिता से इस बात के निर्देश मिल रहे थे कि क्या करना और कैसे करना है।

रजिस्टर में पिता के सपने वाली थ्योरी के अलावा एक और दिलचस्प जानकारी भी पुलिस के सामने आई है। रजिस्टर में 'वट सावित्री पूजा' का भी जिक्र किया गया है। मान्यताओं के मुताबिक यह वह तपस्या है, जिसमें सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे पड़े अपने मृत पति सत्यवान को यमराज से जीत लिया था। जिसके बाद से ही सावित्री के दृढ़ निश्चय व संकल्प की याद में महिलाएं अपने दीर्घ और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना के साथ वट वृक्ष की पूजा करती हैं।
 वट तपस्या के तहत लोग उस स्थिति में आते हैं, जैसे बरगद के पेड़ के नीचे उसकी शाखाएं झूलती रहती हैं। रजिस्टर में लिखी बातों से इस बात के भी संकेत मिले हैं कि हो सकता है भाटिया परिवार 'वट तपस्या' करने का प्रयास कर रहा हो। क्योंकि रजिस्टर में ये भी लिखा पाया गया है कि अगर कोई कुछ खास रीतियों का पालन करता है तो उनकी समस्याएं सुलझती हैं और भगवान खुश होता है। जिस स्थिति में परिवार के 10 लोगों के शव लटके मिले हैं, वो भी कुछ ऐसी ही तस्वीर पेश कर रहे हैं।
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