नई दिल्ली। कश्मीर को भारत और पाकिस्तान से अलग करने की वकालत करने वाले जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष और अलगाववादी नेता यासीन मलिक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। राज्य में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद अलगाववादियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। गृह मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो रमजान के दौरान संघर्ष विराम लागू होने के बावजूद आतंकी घटनाओं में 265 फीसदी का इजाफा हुआ है।
जेकेएलएफ के प्रवक्ता ने कहा कि मलिक ने घाटी में मारे गए निर्दोष लोगों की हत्या के खिलाफ आह्वान किया था। मगर पुलिस नहीं चाहती कि वह इस धरने का नेतृत्व करें। गुरुवार सुबह पुलिस उनके आवास पर पहुंची और उसे हिरासत में ले लिया। पिछले दिनों घाटी में मारे गए राइजिंग कश्मीर के संपादक और निर्दोष नागरिकों की मौत के खिलाफ बंद का आह्वान किया गया था। मलिक के अलावा सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारुक ने घाटी के हालात पर चर्चा के बाद बंद का फैसला लिया था।
सूत्रों के अनुसार आतंकी घटनाओं के पीछे कट्टरपंथी ताकतों के हाथ होने को एक बड़ी वजह माना जा रहा है। भाजपा महासचिव राम माधव ने पीडीपी से समर्थन वापस लेने की घोषणा करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का जिक्र किया था। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और अलगाववादी नेताओं पर कार्रवाई करते हुए या तो उन्हें नजरबंद कर दिया जाएगा या फिर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
बता दें कि 28 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है। ऐसे में किसी भी आतंकी हमलों की आशंका को देखते हुए सुरक्षाबलों को सतर्क किया जा चुका है। सेना को भी उम्मीद है कि स्थानीय नेताओं का दबाव खत्म होने से स्थानीय पुलिस ज्यादा सक्रियता के साथ आतंकवाद विरोधी गतिविधियों में सेना का साथ दे सकेंगे। घाटी में ज्यपाल शासन लागू होने से पुलिस बिना किसी राजनीतिक प्रभाव के अब बेहतर स्थिति में है।
पुलिस आज सुबह मलिक के आवास पर पहुंची और उन्हें हिरासत में ले लिया। ज्ञात हो कि घाटी में पिछले दिनों वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी और अन्य निर्दोष नागरिकों की हत्या के खिलाफ बंद का आह्वान किया गया था।
सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुक और यासिन मलिक ने कश्मीर घाटी के हालात को लेकर बंद का आह्वान किया है। हाल ही में पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या की गई तो तीन आतंकवादियों ने बाइक पर आकर उन्हें गोली मारी थी। लेकिन हत्या के बाद जिस तरह चौथा संदिग्ध मौके पर आकर पिस्टल उठाकर भागा वह हर किसी ने देखा था। चौथा संदिग्ध मदद करने के बहाने आम लोगों के बीच में आया और सबूत मिटाने की कोशिश की।