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खिलाड़ियों के विरोध के बाद झुकी हरियाणा सरकार, मुख्यमंत्री खट्टर ने आदेश पर लगाई रोक
By Deshwani | Publish Date: 8/6/2018 5:19:20 PM
खिलाड़ियों के विरोध के बाद झुकी हरियाणा सरकार, मुख्यमंत्री खट्टर ने आदेश पर लगाई रोक

नई दिल्ली। हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार का राज्य के खिलाड़ियों से संबंधित उस आदेश पर अब रोक लगा दी है जिसमें खिलाड़ियों को कमाई का 33% हिस्सा सरकारी खजाने में देने को कहा गया था। बता दें कि इस आदेश के जारी होने के बाद कई खिलाड़ियों ने इसके विरोध में अपनी आवाज दर्ज करवाई थी। मामले पर विवाद बढ़ता देख राज्य सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया है। गौरतलब है कि हरियाणा की बीजेपी सरकार ने आदेश दिया था कि राज्य के खिलाड़ियों को विज्ञापनों और प्रोफेशनल स्पोर्ट के जरिए जो कमाई होती है उस कमाई का 33 फीसदी हिस्सा हरियाणा स्पोर्ट्स काउंसिल में जमा करवाना होगा। सरकार ने इस अजीबोगरीब आदेश के पीछे तर्क दिया था कि इन पैसों का इस्तेमाल राज्य में खेल के विकास पर खर्च होगा।

 
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने मीडिया को बताया, 'मैंने स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट से इस विषय से संबंधित फाइलें मंगवाई है और अगले आदेश तक नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी है। हमारे खिलाड़ियों के अतुलनीय योगदान पर हमें गर्व है और मैं उन्हें विश्वास दिलाना चाहता हूं कि सभी मुद्दों पर विचार किया जाएगा। '
 
इसके अलावा इस खट्टर सरकार द्वारा जारी किए गए इस आदेश में एक बात का जिक्र और है। आदेश में आगे उन खिलाड़ियों के बारे में लिखा गया है जिन्हें राज्य सरकार द्वारा सरकारी नौकरी दी गई है। नए आदेश के मुताबिक सरकारी नौकरी कर रहे खिलाड़ी अब अगर विज्ञापन या स्पोर्ट्स इवेंट के लिए छुट्टी लेते हैं तो उनका वेतन भी काटा जाएगा।
 
महिला रेसलर बबिता फोगट ने हरियाणा सरकार के इस आदेश पर मीडिया में अपनी टिप्पणी देते हुए कहा था, "क्या सरकार को पता है कि इसके लिए एक खिलाड़ी कितनी कड़ी मेहनत करता है? वो आमदनी का एक तिहाई हिस्सा कैसे मांग सकते हैं? मैं इसका समर्थन बिल्कुल नहीं करती। सरकार को कम से कम हमसे इस बारे में बात करनी चाहिए थी।"
 
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने हरियाणा सरकार के इस फैसले पर कहा था कि, ' सरकार को अपने इस फैसले की समीक्षा करनी चाहिए। इसके अलावा सरकार को वरिष्ठ खिलाड़ियों की कमेटी बनाकर उनसे भी इस बारे में विचार जानने चाहिए। ऐसे फैसले खिलाड़ी का मनोबल कमजोर करते हैं और उनके प्रदर्शन को भी प्रभावित कर सकते हैं। '
 
ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त ने अपने ट्विटर अकाउंट से लिखा, 'ऐसे अफसर से राम बचाए, जब से खेल विभाग में आए है तब से बिना सिर -पैर के तुग़लकी फ़रमान जारी किए जा रहे है। हरियाणा के खेल-विकास में आपका योगदान शून्य है किंतु ये दावा है मेरा इसके पतन में आप शत् प्रतिशत सफल हो रहे है। अब हरियाणा के नए खिलाड़ी बाहर पलायन करेंगे और साहब आप ज़िम्मेदार'
 
यही नहीं आदेश का दूसरा बिन्दु खिलाड़ियो के और परेशान करने वाला है। आदेश के दूसरे बिन्दु में स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि अगर कोई भी खिलाड़ी बिना सरकार की आज्ञा लिए किसी कंपनी का विज्ञापन करता है या फिर प्रोफेशनल स्पोर्ट्स में हिस्सा लेता है तो उससे होने वाली सारी आमदनी सरकारी खाते में ही जमा करवानी होगी। खट्टर सरकार ने यह आदेश 30 अप्रैल, 2018 के सरकारी गजट के नोटिफिकेशन में जारी किया है। यह आदेश हरियाणा सरकार में खेल और युवा मामलों के विभाग के प्रमुख सचिव अशोक खेमका द्वारा जारी किया गया है। 
 
बता दें कि हरियाणा एक ऐसा राज्य हैं जहां से क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों के भी कई खिलाड़ी निकले हैं जिन्होंने ओलंपिक समेत अन्य खेलों में भारत का नाम रोशन किया है। इनमें बॉक्सर विजेंद्र सिंह, पहलवान सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त, बबीता फोगाट, गीता फोगाट जैसे बड़े नाम हैं। जाहिर है सरकार के इस आदेश से इन सभी खिलाड़ियों की आमदनी प्रभावित होगी। 
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