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पतंजलि फूड पार्क विवाद का निकला हल, योगी सरकार ने मानी सारी शर्तें
By Deshwani | Publish Date: 6/6/2018 5:23:16 PM
पतंजलि फूड पार्क विवाद का निकला हल, योगी सरकार ने मानी सारी शर्तें

लखनऊ। पतंजलि फूड पार्क को लेकर योगी सरकार और बाबा रामदेव के बीच मनभेद दूर हो गए हैं। सरकार पतंजलि आयुर्वेद की शर्तें मानने को तैयार हो गई है। योगी सरकार पतंजलि की शर्तों के चलते प्रस्ताव में बदलाव करने जा रही है। अगली कैबिनेट बैठक में संशोधित प्रस्ताव पेश किया जाएगा। कैबिनेट की अगली बैठक 12 जून को होने वाली है। नए प्रस्ताव में पतंजलि फूड और हर्बल पार्क को 91 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। जानकारी के मुताबिक, 2 नवंबर 2016 को पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को 455 एकड़ जमीन की गई थी।

 
पतंजलि के प्रमुख आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कर कहा था कि मेगा फूड पार्क के लिए जमीन देने में हीलाहवाली के चलते वे इस परियोजना को उत्तर प्रदेश से बाहर ले जाना चाहते हैं। उनके इस ट्वीट के बाद बवाल मच गया था। बाद में सीएम योगी ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से बात की और भरोसा दिलाया कि फूड पार्क को किसी भी कीमत पर बाहर नहीं जाने देंगे। इस परियोजना को हर हाल में सफल बनाया जाएगा।
 
इस मामले में यमुना प्राधिकरण ने कहा कि न तो अथॉरिटी ने आवंटन रद्द किया है और न ही बाबा रामदेव ने इस प्रोजेक्ट से हाथ खींचे हैं। बाबा रामदेव की कंपनी ने राज्य सरकार से छूट की मांग के लिए आवेदन किया था। आपको बता दें कि मंगलवार (05 जून ) को इससे पहले आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कर लिखा था, 'ग्रेटर नोएडा में केन्द्रीय सरकार से स्वीकृत मेगा फूड पार्क को निरस्त करने की सूचना मिली। इसलिए पतंजलि ने प्रोजेक्ट को अन्य जगह शिफ्ट करने का निर्णय लिया है'।
 
इस प्रोजेक्ट को लेकर पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से कहा गया कि प्रोजेक्ट की लागत करीब 1700 करोड़ रुपए है। फूड पार्क बन जाने के बाद सीधे तौर पर करीब 8000 लोगों को रोजगार मिलेगा, जबकि 80 हजार से ज्यादा लोग परोक्ष रुप से रोजगार पाएंगे। इस परियोजना के तहत हर्बल उत्पाद, पशु आहार, फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाया जाएगा। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 30 नवंबर 2016 को लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में फूड एवं हर्बल पार्क का शिलान्यास किया था।
 
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