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कैराना-नूरपुर उपचुनाव: नेताओं ने कहा-सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार बना हार की वजह
By Deshwani | Publish Date: 1/6/2018 3:08:19 PMलखनऊ। कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा उपचुनाव में हार का ठीकरा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर फोड़ते हुये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो विधायकों ने आरोप लगाया कि सरकार की कार्यप्रणाली और अधिकारियों के बीच व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। बलिया और हरदोई के विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सराहना की मगर खुद की योगी सरकार पर तोहमत मढी कि सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में विफल रही और यही उपचुनाव में हार का सबब बना।
हरदोई में गोपामऊ विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्याम प्रकाश ने आरोप लगाया कि प्रदेश में अधिकारी भ्रष्ट हैं। किसान सरकार के रवैये से नाखुश हैं। उन्होंने कहा कि वह सरकार के खिलाफ नही है मगर अधिकारी निरंकुश हो गये है और भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर नहीं निकल पा रहे है। पिछला चुनाव भाजपा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लडाई लडऩे के वादे के साथ जीता था जिसमें सरकार कहीं न कहीं अंकुश लगाती नजर नहीं आ रही है। अपने फेसबुक अकाउंट पर श्याम प्रकाश ने कविता के रूप में पांच लाइने लिखते हुये दावा किया कि मोदी देश में अब तक सर्वाधिक लोकप्रिय नेता के रूप में उभरे है और उन्हे कोई नही हरा सकता।
उधर, बलिया में बेरिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेन्द्र सिंह ने कैराना लोकसभा उपचुनाव में हार को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। विधायक ने कहा, ‘मोदी ने चुनाव प्रचार नहीं किया मगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इसका मतलब साफ है कि मुख्यमंत्री को इस चुनाव में मुंह की खानी पड़ी। पूरा विपक्ष मोदी के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा हो गया है। इसके अलावा सरकारी मशीनरी में व्याप्त भ्रष्टाचार भी हार की वजह बना।’ भाजपा विधायक ने कहा, ‘सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है जिससे जनता को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।’
उधर, सुहेदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष और कबीना मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने भ्रष्टाचार को लेकर योगी सरकार पर हमला जारी रखा। उन्होंने आरोप लगाया कि नौकरशाही में व्याप्त भ्रष्टाचार पर सरकार नकेल कसने में विफल रही है और यही उपचुनावों में मिली हार का कारण है। पत्रकारों से बातचीत में उत्तर प्रदेश के मंत्री ने कहा कि योगी को अधिकारियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाना चाहिये नहीं तो अगले साल होने वाले आमचुनाव में जनता भाजपा को नकार देगी और मोदी के अच्छे कामकाज के किये कराये पर पानी फिर जायेगा।