अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने शुक्रवार को संयुक्त रूप से जनकपुर से अयोध्या के बीच मैत्री बस सेवा की शुरुआत की। यह बस 34 यात्रियों को लेकर आज जनकपुर से अयोध्या पहुंच गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज रामनगरी अयोध्या में नेपाल के जनकपुर से आए बसों के बेड़े की अगवानी की।
जिसके बाद एक समारोह में मुख्यमंत्री योगी ने वहां से आए यात्रियों का स्वागत किया। इस दौरान वहां एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई है। जिसमें बड़ी संख्या में लगी रामायण से सम्बंधित झांकियों ने सभी का मन मोह लिया। योगी आदित्यनाथ ने बस सेवा के अयोध्या पहुंचने के मौके पर सीएम भारतीय डाक विभाग के प्रकाशित स्पेशल कवर का अनावरण भी किया। यह स्पेशल कवर पिछले वर्ष दीपावली के अवसर पर अयोध्या में सरयू तट पर आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम पर आधारित है।
इसके पहले बस रात 1 बजकर 50 मिनट पर भारतीय सीमा के भिठामोड पहुंची थी, जहां सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने बस का स्वागत किया। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर नेपाल में हैं और यहां उन्होंने जनकपुर में जानकी मंदिर का दर्शन भी किया।
अयोध्या में जैसे ही नेपाल के जनकपुर से बसों का बेड़ा पहुंचा तो राम कथा पार्क के बाहर बस को देखने व यात्रियों से मिलने की लोगों में होड़ लग गई। जनकपुर-अयोध्या बस सेवा के बहाने भारत अपने पुराने दोस्त (नेपाल) से मित्रता का नया अध्याय जोडऩे जा रहा है।
सीता विवाह के बाद अयोध्या और जनकपुर के बीच जो संबंध विकसित हुए उसका विस्तृत विवरण रामचरित मानस में भी मिलता है। वक्त बीतने के साथ इन संबंधों को सहेजने की जो चुनौती पैदा हुई उसे अयोध्या से जनकपुर के लिए निकलने वाली राम बरात दूर करती रही। बरात विश्व ङ्क्षहदू परिषद की ओर से प्रतिवर्ष निकाली जाती है।
जनकपुर-अयोध्या के बीच मैत्री बस सेवा शुरू करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और जनकपुर का नाता अटूट है। उन्होंने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं, जो माता जानकी के चरणों में आने का मौका मिला। उन्होंने इस बस सेवा का उद्घाटन करते हुए कहा, 'जनकपुर और अयोध्या जोड़े जा रहे हैं। यह बस सेवा नेपाल और भारत में तीर्थाटन को बढ़ावा देने से संबंधित रामायण सर्किट का हिस्सा है।
गौरतलब है कि यह बस रामायण सर्किट के दो सबसे महत्वपूर्ण स्थानों को जोड़ेगी। साथ ही यह बस सेवा दोनों देशों के पर्यटकों को तीर्थ यात्रा की सुविधा प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत करने में मदद मिलेगी।
बस के भारत में भ्रमण के लिए आवश्यक परमिट भारतीय दूतावास काठमांडू के द्वारा निर्गत किया गया है। इस ऐतिहासिक अवसर पर भिठामोड स्थल सीमा शुल्क के अधिकारियों द्वारा यात्रियों को कस्टम क्लीयरेंस देने के अलावा विशेष रूप से उन यात्रियों के पारंपरिक स्वागत की व्यवस्था भी की थी।