दूल्हे की जिद के आगे झुका प्रशासन, अब घोड़ी चढ़ सकेगा संजय जाटव, इन 8 शर्तों पर हुआ समझौता
कासगंज (यूपी)। कोई लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं, हारा वही जो लड़ा नहीं-जी हां ये कहावत संजय जाटव पर पूरी तरह चरितार्थ हो रही है। जिसने अपनी कड़ी मेहनत के आगे प्रशासन को झुकने पर मजबूर कर दिया। अब वह खुशी खुशी घोड़ी चढ़ सकेगा और बारात को भी गांव में घुमा सकेगा।
बता दें कि कासगंज के बहुचर्चित निजामपुर प्रकरण में दलित दूल्हा संजय जाटव अब घोड़ी चढ़ सकेगा। डीएम, एसपी की अध्यक्षता में दोनों पक्षों के बीच 2 घंटे तक चली शांति वार्ता के बाद दोनों पक्षों में आठ शर्तों के बीच लिखित रूप से समझौता करा दिया है। दोनों ही पक्ष बारात निकालने को लेकर राजी हो गए हैं। फिलहाल प्रशासन ने बारात निकालने का रूट मैप भी तैयार कर लिया है।
दरअसल कासगंज के निजामपुर गांव में सवर्ण जाति के लोगों द्वारा कई दशकों से चली आ रही पंरपरा की दुहाई देकर दलित युवक संजय जाटव की बारात को निकलने ना दिए जाने के बाद पीड़ित ने सूबे के मुख्यमंत्री से लेकर हाईकोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद निजामपुर गांव लगातार सुर्खियों में बना रहा। दूल्हा संजय जाटव अपनी बारात को पूरे गांव में घुमाये जाने की मांग कर रहा था तो वहीं सवर्ण जाति के लोग दशकों पुरानी चली आ रही परंपरा का हवाला देकर इसके खिलाफ थे। जिसको लेकर रविवार को देर रात डीएम, एसपी और आलाधिकारियों की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच बेठक हुई।
करीब 2 घंटे की बैठक के बाद दोनों पक्षों में राजनैतिक संगठन द्वारा प्रतिभाग ना करने, और बारात में अस्त्र-शस्त्र ना लाने समेत 8 लिखित शर्तों को लेकर समझौतानामा पर हस्ताक्षर किया गया।जिसके बाद दलित दूल्हा संजय जाटव अब घोड़ी पर चढ़कर अपनी मंगेतर शीतल से शादी कर सकेगा। बारात को लेकर प्रशासन ने पूरी तरह कमर कस ली है। प्रशासन ने जनमासे से लेकर बारात चढ़ाये जाने तक का पूरा रूट मैप तैयार कर लिया है।
इन शर्तां को लेकर हुआ समझौता-
शर्त नम्बर 1- बारात का जनमासा लगेगा निजामपुर गांव के बाहर।
शर्त नम्बर 2- नक्शे के हिसाब से गांव के कुछ हिस्सों में ही घुमेगी बारात।
शर्त नम्बर 3- बारात में कोई भी राजनैतिक संगठन नहीं कर सकेगा प्रतिभाग।
शर्त नम्बर 4- बारात में कोई व्यक्ति नहीं लायेगा अस्त्र-शस्त्र और ना कर सकेगा मादक पदार्थों का सेवन।
शर्त नम्बर 5- माइक से कोई भी व्यक्ति नहीं कर सकेगा आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग।
शर्त नम्बर 6- जिन गलियों से बारात जानी है वहां ऐसे वाहनों का प्रयोग करना होगा जिससे असानी से निकल सके बारात।
शर्त नम्बर 7- सम्पूर्ण गांव के व्यक्ति बनाये रखेगें शांति व्यवस्था।
शर्त नम्बर 8- जिले में धारा 144 लागू होने के कारण कोई व्यक्ति शांति व्यवस्था को बिगाड़ने का नहीं करेगा प्रयास।
मेरी शादी शीतल के साथ तय हुई है। वहां पर बारात के संबंध में कुछ मामला चला था। मेरी मांग थी कि जैसे हर बेटी की बारात को पूरी गांव की हर गली में होकर निकाला जाता है, वैसे ही मेरी भी निकले। जो मैं मांग कर रहा उसके चलते दोनों पक्षों को बुलाकर साफ कर दिया गया है। मुझे किसी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं है। जहां से मेरी बारात जानी थी वहां सभी लोग मेरा सहयोग कर रहे हैं। क्षत्रिय समाज के लोगों ने मेरा साथ दिया है। प्रशासन ने हमारी काफी मदद की है।
इस मामले को लेकर जब जिलाधिकारी कासगंज आरपी सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बारात निकालने को लेकर अनावश्यक प्रचार अखबारों और चैनलों के माध्यम से हो रहा था। कुछ बातें बढ़ा-चढ़ा कर रखी जा रही थी, जिसकी वजह से माहौल खराब हो रहा था। आज मेरे अनुरोध पर हाथरस से संजय, उनके ससुरारल पक्ष के लोग और गांव के प्रधान सहित कई लोग यहां उपस्थित हुए। चर्चा के दौरान तय हुआ कि शीतल की शादी में किसी प्रकार का कोई हंगामा नहीं होगा। बीच का एक रास्ता निकाल दिया गया है, जिस पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई है। अब किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं रह गया है।