लखनऊ। आज से 28 मार्च तक देश भर के 56 ग्रामीण बैंकों मे कार्यरत करीब एक लाख बैंककर्मी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर तीन दिनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर रहेंगे। यह हड़ताल युनाइटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियन के आह्वान पर किया जा रहा है। इस वजह से 2 अप्रैल तक लगातार इन बैंकों का कामकाज ठप रहने की उम्मीद है। मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त अधिकारी एसोसिएशन के चेयरमैन राकेश कुमार शुक्ल एवं अध्यक्ष आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि इस महीने की 24 और 25 मार्च को बैंकों के नियमित अवकाश रहे। हड़ताल के बाद लगातार सरकारी अवकाश की वजह से 29 मार्च को महावीर जयंती, 30 मार्च को गुड फ्राइडे, 31 मार्च को हजरत अली का जन्मदिवस, 1 अप्रैल को रविवार एवं 2 अप्रैल को बैंकों की वार्षिक लेखाबंदी रहेगी। हड़ताल और अवकाश के नजरिये इन बैंकों का लगातार 10 दिनों तक कामकाज ठप रहेगा। मिली खबरों के मुताबिक आठ सूत्रीय मांगों को लेकर अनेक आन्दोलनात्मक कार्यक्रम किये गये।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हड़ताल सबंधी मामला केंद्रीय श्रम आयुक्त के समक्ष भी ले जाया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई, जिस कारण हड़ताल के लिए विवश होना पड़ा। उन्होंने बताया कि उनकी प्रमुख मांग है कि भारत सरकार कर्नाटक एवं राजस्थान उच्च न्यायालयों के निर्णयों का सम्मान करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में दायर एसएलपी को वापस लेकर देश के ग्रामीण बैंक कर्मचारियों को बैंकिंग उद्योग के समान पेंशन की सुविधा देने का, बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव वापस लिए जाएं, बैंकिंग उद्योग में लागू शर्तों के अनुरूप ग्रामीण बैंकों में भी अगस्त, 2014 से अनुकम्पा नियुक्तियां किए जाए, कम्प्यूटर इंक्रीमेंट की चौथी, प्रायोजक बैंकों के समान सेवा शर्तें, प्रोन्नति एवं भर्ती नियम बनाये जाए, दैनिक वेतन भोगी और आकस्मिक कर्मचारियों को न्यूनतम भुगतान सीमा, सुविधाएं व नियमितीकरण किए जाएं।
ग्रामीण बैंकों को भी भारतीय बैंक संघ का सदस्य बनाकर वार्ताएं की जाएं। आठवीं मांग के रूप में ग्रामीण बैंकों के लिए वर्तमान में बने वार्ता मंच जेसीसी की संस्तुतियों को लागू करने की बाध्यता हो।