झारखंड : टीटीपीएस को उत्पादन बंद करने का नोटिस, केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने इस वजह से की कार्रवाई
रांची। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने टीटीपीएस (तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन) को उत्पादन बंद करने का आदेश दिया है। सिंचाई विभाग को कहा है कि वह टीटीपीएस को पानी नहीं दे। सीसीएल को भी टीटीपीएस को कोयले की आपूर्ति नहीं करने का निर्देश दिया है। सीपीसीबी ने इस संबंध में नौ मार्च को तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड (टीवीएनएल) के एमडी को नोटिस भेजा है। एमडी ने नोटिस की पुष्टि की है।
क्या कहा गया था नोटिस में : सीपीसीबी ने टीटीपीएस को 21 नवंबर को एक नोटिस दिया था। इसमें कहा था कि टीटीपीएस देश भर में सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलानेवाले प्लांट में से एक है। सीपीसीबी ने टीवीएनएल प्रबंधन को कहा था कि पहले प्रदूषण रोकने के सभी मानकों को पूरा किया जाये, उसके बाद ही उत्पादन शुरू किया जाये।
पर टीटीपीएस ने सीपीसीबी के सभी निर्देशों का पालन नहीं किया है। इसे गंभीरता से लेते हुए सीपीसीबी ने सिंचाई विभाग को पानी और सीसीएल को कोयला देने से मना कर दिया है।
टीवीएनएल के प्रभारी एमडी सनातन सिंह ने बताया : नौ मार्च को दोबारा नोटिस मिला है। नवंबर में जो नोटिस सेंट्रल प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से आया था, उसके सभी मानकों को पूरा करना इतना आसान नहीं है। जितनी चीजें बोर्ड ने कही थी, उसकी आधी पूरी हुई हैं।
लेकिन पूरा करना इतना जल्दी संभव नहीं है। सभी चीजें काफी आधुनिक तरीके से की जानी है, इसके लिए ई-टेंडर के जरिये कंपनियों को बुलाना है। नये-नये उपकरण लगाने हैं। इतना सब करने में समय लगता है। टीटीपीएस की टीम फिर से सेंट्रल प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से बात करेगी। जहां तक सीसीएल की बात है, उन्हें हमें करीब 200 करोड़ रुपये देने हैं। ऐसे में बार-बार वहां से कोयला उत्पादन बंद कर दिया जाता है।
वहीं जेयूवीएनएल के पास हमारा 3400 करोड़ बकाया है। इतना ज्यादा बकाया होने की वजह से हम आगे का काम नहीं कर पा रहे हैं। जेयूवीएनएल हमें 80 करोड़ की जगह केवल 40 करोड़ दे रहा है। इस कारण हम प्लांट के विकास से संंबंधित काम नहीं कर पा रहे हैं। एश को बेचने के लिए टेंडर कर दिया गया है। वाटर जीरो डिस्चार्ज के लिए उपकरण लगाना है, जिसके लिए राशि नहीं है।