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सरकार एवं प्रशासन की सख्ती से छात्रों व नकल कराने वालों में हड़कम्प
By Deshwani | Publish Date: 9/2/2018 12:20:17 PMइलाहाबाद । उत्तर प्रदेश में बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं और सरकार एवं प्रशासन की सख्ती का आलम यह है कि छात्रों व नकल कराने वालों में हड़कम्प मचा हुआ है। प्रदेश में सख्ती के कारण तीन दिनों की परीक्षा में लगभग 06 लाख 33 हजार 217 परीक्षार्थियों ने परीक्षाएं छोड़ दी हैं और 182 नकलचियों को पकड़ा गया है।
इस दौरान की गई कार्रवाई में पहले ही दिन 16, दूसरे दिन 128 तथा तीसरे दिन 38 नकलची पकड़े गए। गौरतलब है कि बोर्ड की परीक्षा में कुल लगभग 66 लाख बच्चे बैठ रहे हैं जिसमें 36 लाख 55 हजार दसवीं के और 29 लाख 81 हजार बारहवीं के हैं। नकल रोकने के लिए योगी सरकार ने कई उपाय किए हैं। इस बार एक तिहाई परीक्षा केन्द्र कम कर दिए गए हैं और हर केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने का भी दावा किया गया है। चेकिंग के लिए एक हजार से भी ज्यादा उड़ाका दल बनाए गए हैं। नकल के लिए बदनाम 31 जिलों को अति संवेदनशील घोषित किया गया है। परीक्षा केन्द्र के आसपास धारा 143 लगा दी गई है, जिससे नकल कराने वाले स्कूल के पास भीड़ न लगा सके।
सूत्रों की मानी जाय तो यूपी में परीक्षा के दौरान नकल एक बड़ा व्यापार बन गया है। यह दस हजार करोड़ रुपए का कारोबार है। कश्मीर से लेकर महाराष्ट्र तक के बच्चे यहां परीक्षा देने आते हैं और फार्म भराने से लेकर अच्छे नंबरों तक पास कराने तक का ठेका होता है। इस बार नकल माफियाओं के करोड़ों रूपए दांव पर हैं। उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का कहना है कि हमने नकल प्रूफ परीक्षा का इंतजाम किया है। इस बार कहीं गड़बड़ी नहीं होगी, ख़ुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा को लेकर सभी जिलों के डीएम और एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। ऐसा करने वाले वे यूपी के पहले मुख्यमंत्री हैं।