ऋषिकेश, (हि.स.)। तीर्थनगरी का गौरवशाली श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज के डायमंड जुबली समारोह के तीसरे और अंतिम दिन शनिवार की रात कवि सम्मेलन यादगार बना। देश के जाने माने युवा कवि कुमार विश्वास और उनके साथियों ने अपनी शानदार रचनाओं से समारोह में चार चांद लगा दिए।
श्रोताओं से खचाखच भरे पंडाल में आकषर्ण का केन्द्र रहे कुमार विश्वास ने जेसे ही अपनी लोकप्रिय कविता 'कोई दीवाना कहता है..कोई पागल समझता है' प्रस्तुत किया तो तालियों की जबरदस्त गड़गडाहट से समूचा पंडाल गूंज गया। उन्होंने सामाजिक ताने-बाने पर बनी अनेकों रचनाएं पढ़कर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी। वहीं स्वंय को राजनीति का सबसे कम उम्र का आडवाणी बताकर आम आदमी पार्टी में अपनी उपेक्षा की पीड़ा भी शब्दों की जादूगरी से बेहद खूबसूरती के साथ प्रस्तुत की।
कवि सम्मेलन में कवि कुमार विश्वास की प्रस्तुति में दिल्ली की राजनीति का वर्तमान परिदृश्य उभरकर सामने आया। उन्होंने 'आप' सरकार की इस व्यवस्था पर अपनी प्रस्तुति के माध्यम से कई तंज कसे। उन्होंने अपनी काव्य रचना 'वो बोले दरबार सजाओ, वो बोले जयकार लगाओ, बोले हम जितना बोलें, तुम केवल उतना ही दोहराओ, वाणी पर इतना अंकुश कैसे सहते, हम कबीर के वंशज हैं, चुप कैसे रहते' प्रस्तुत कर श्रोताओं को मत्रंमुग्ध कर दिया।
इससे पहले प्रथम कवि के रूप में उभरते हुए कवि सुदीप भोला ने अपनी रचनाओं में सुपरहिट गीत के समावेश और अपनी खास अंदाज में उसकी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को खूब हंसाया। इस शृंखला में कवि महेंद्र अजनबी ने अपनी प्रस्तुति में टूटते परिवारों की व्यथा को बेहद खूबसूरती से प्रस्तुत कर श्रोताओं को झकझोरने पर विवश कर दिया। वहीं डॉ विनीत चौहान ने अपनी वीर रस की रचनाओं से ठंडे मौसम में भी गर्माहट उत्पन कर दी। उनके द्वारा प्रस्तुत की गई 'बहुत हो चुका मोदी जी, इनको समझाना बंद करो, आस्तीन के सब सांपों को दूध पिलाना बंद करो, अब घर के गद्दारों को भी थोड़ा सा तो झटका दो, जो सेना पर पत्थर फेंके लाल किले पर लटका दो।' कविता ने श्रोताओं मे देशभक्ति का भाव जागृत कर दिया। युवा कावित्री खुशबू शर्मा ने भी अपनी शानदार प्रस्तुतियों से श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी। इस अवसर पर विधालय के प्रधानाचार्य डी बीपीएस रावत, श्री भरत मन्दिर स्कूल सोसायटी के सचिव हर्षवर्धन शर्मा, पूर्व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, विनय उनियाल, वचन पोखरियाल, जयेन्द्र रमोला, सरोज डिमरी, अनिता आदि मौजूद रहे।