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एनआरआई समुदाय के बीच तिरंगा फहराकर ब्रम्हाकुमार ने रोशन किया नाम
By Deshwani | Publish Date: 28/1/2018 4:45:25 PM
एनआरआई समुदाय के बीच तिरंगा फहराकर ब्रम्हाकुमार ने रोशन किया नाम

हमीरपुर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के एक छोटे से गांव के शख्स ने अपने क्षेत्र का गौरव का बढ़ाया, बल्कि वह मलेशिया स्थित भारतीय उच्चायोग में राजदूत के पद पर आसीन होकर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं।
मलेशिया के राजदूत के मित्र आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि ब्रम्हाकुमार ने उच्चायुक्त के रूप में मलेशिया के एनआरआई समुदाय के बीच तिरंगा फहराकर अपने भारत के राष्ट्रपति का संदेश पढ़ा तो उनका पूरा गांव खुशी के मारे उछल पड़ा। भारत ओर मलेशिया के बीच सम्बन्ध अत्यंत प्रागाढ़ है और मलेशिया के प्रधानमंत्री दातो नजीब बिन तुन अब्दुल रजाक इस समय भारत दौरे पर है। उनकी भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अहम शिखर वार्ता भी हुयी है।
श्री त्रिपाठी ने बताया कि जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर सुमेरपुर क्षेत्र के टेढ़ा गांव के मूल निवासी ब्रम्हा कुमार ने प्रारम्भिक शिक्षा दीक्षा हमीरपुर, उरई और झांसी में की। हमीरपुर नगर में राजकीय महाविद्यालय से साहित्य व इतिहास विषय से प्रथम स्थान के साथ स्नातक करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से इतिहास विषय से परास्नातक प्रथम श्रेणी के साथ किया। वर्ष 2001 में पीसीएस में वह चयनित हो गये। कुछ समय तक लखनऊ स्थित विजिलेंस कमीशन में कार्यरत रहे, फिर इनका चयन भारतीय विदेश सेवा में हो गया। शुरुआत में इन्होंने प्रशिक्षण मसूरी और दिल्ली से लिया। वर्ष 2007 में उनकी पहली नियुक्ति मिश्र स्थित भारतीय दूतावास में हुयी जहां उन्होंने अमेरिकन यूनीवर्सिटी से अरबी की पढ़ाई भी की थी।
काहिरा के बाद उनकी दूसरी नियुक्ति मस्कट, ओमान, सल्नत में सेकेंड सचिव के पद पर हुयी और उन्होंने भारतीय दूतावास की ओर से शिक्षा, आरटीआई, वाणिज्य जैसे व्यस्त विभागों का कार्यभार भी संभाला। उन्होंने विदेश मंत्रालय, दिल्ली में उपसचिव के रूप में मलटीलेटेरल इकनोमिक रिलेशन विभाग में ब्रिक्स, इब्सा, डब्ल्यू.टी.ओ.,डब्लू.आई.पी.ओ.का कार्य भी देखा। वर्ष 2015 से ब्रम्हाकुमार प्रथम सचिव के रूप में कुआलालम्पुर स्थित भारतीय उच्चायोग में कार्यरत है और मुख्य रूप से दोनों देशों के बीच का व्यापार व वाणिज्य देखते है। वर्ष 2016 में दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग 11 बिलियन डालर तक का आंकड़ा पार कर चुका है।
मलेशिया पाम आयल का एक बहुत बड़ा स्त्रोत है। उनकी उपलब्धियों से उनके पैतृक गांव टेढ़ा ही नहीं समूचा जनपद गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
अशोक त्रिपाठी ने रविवार को बताया कि वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मलेशिया यात्रा दोनों देशों के सम्बन्धों को आगे बढ़ाने में बहुत अहम मानी जाती है। भारतीय उच्चायोग के प्रयासों से भारतीय चिकित्सा पद्धतियां आयुर्वेद व सिद्ध और योग अपनी जड़े भी जमा चुका है।
सुमेरपुर क्षेत्र के संतोष चक्रवर्ती, अरुण कुमार प्रजापति, रणविजय चक्रवर्ती, राजेन्द्र कुमार, अभिषेक त्रिपाठी व सत्येन्द्र अग्रवाल ने हर्ष व्यक्त करते हुये बताया कि ब्रम्हाकुमार ने गांव सहित बुन्देलखंड के लिये यह गौरवशाली क्षण है। मालूम हो कि उनके पिता रघुनाथ आनंद प्रभागीय लेखाधिकारी के पद पर कार्यरत थे जो सेवानिवृत्त होने के बाद यहां टेढ़ा गांव में रह रहे हैं।

 

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