राज्य
आजीवन सहयोग निधी के नाम पर राजकीय भ्रष्टाचार कर रही भाजपा सरकार: हरीश रावत
By Deshwani | Publish Date: 28/1/2018 4:35:55 PMदेहरादून (हि.स.)। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा सरकार की आजीवन सहयोग निधी को भ्रष्टाचार बताते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि प्रदेश के जिलाधिकारी से लेकर बड़े-बड़े अफसर को लक्ष्य को पूरा करने में लगाया गया है।
रविवार को प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने से पहले पूर्व सीएम हरीश रावत ने पत्रकारों से बाचतीत में प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने बीजेपी के आजीवन सहयोग निधि के कलेक्शन को 'भ्रष्टाचार' का राजकीयकरण बताया। उन्होंने कहा कि जिले के जिलाधिकारियों को लक्ष्य दिया गया है और अधिकारी पूरा करने में लगे हुए हैं। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि राज्य की जनता नहीं बल्कि भाजपा का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि इनता पैसा भाजपाई कहां से जुटा सकते हैं। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि चाय के नाम पर भाजपा लोगों को भ्रम में डाल में रही है।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश का सत्ता संभाले भाजपा सरकार का एक साल होने वाला है लेकिन राज्य में विकास का पहिया पूरी तरह ठप है। उन्होंने सरकार के एक साल के समीक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा कोई काम ही नहीं दिख रहा है, जिस पर सरकार समीक्षा करेगी। उन्होंने केन्द्र सरकार पर चुटकी लेते हुए चार साल में कोई समीक्षा लायन नहीं दिखा तो एक साल में कैसे दिखेगा। उन्होंने सरकार के मंत्रियों के आपसी समन्वय पर कहा कि ये सरकार का मामला है। उन्होंने कांग्रेस से भाजपा में गए नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये जहां जाएंगे वहां उथल-पुथल मचाते रहेंगे।
पूर्व सीएम ने बकरी स्वयंवर के बहाने मंत्रियों के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब गाय-बैल और भैंस की भी शादी होगी। इस सरकार से लोगों की बड़ी उम्मीद थी क्योंकि वोट लेने से पहले वायदे किए थे लेकिन पूरा करने में भाजपा सरकार पूरी तरह विफल साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भाजपा सरकार की विफलताओं को जनता के बीच रख रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। जब उनसे सवाल पूछा गया कि कांग्रेस की 29 जनवरी को होने वाले रैली में आप शामिल होने की बात पर कन्नी काटते नजर आए। इससे साफ झलकता है कांग्रेस में भी गुटबाजी चरम है, हालांकि इस पर हरीश रावत खुलकर नहीं बोले।