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राष्ट्रगान नहीं गायेंगे, इस्लाम इजाजत नहीं देता: मदरसा संचालक
By Deshwani | Publish Date: 26/1/2018 4:33:48 PMबाराबंकी (हि.स.)। मदरसा अरबिया हनफीउल उलूम के संचालक मोहम्मद शफीक ने 69वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर शुक्रवार को राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ गाने से इनकार कर दिया। कहा कि इस्लाम राष्ट्रगान गाने का इजाजत नहीं देता, हमलोग नहीं गायेंगे।
जनपद के बाराबंकी अंतर्गत उत्तर टोला स्थित मदरसा के प्रधानाचार्य ने यह कहकर हैरत में डाल दिया कि वे राष्ट्रगान नहीं गायेंगे। वहीं इस अवसर पर उपस्थित अध्यापकों ने भी गाने से इनकार कर दिया।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण के वक्त हो रहे राष्ट्रगान में मदरसा के सभी अध्यापक मौन खड़े थे। हालांकि बच्चे राष्ट्रगान गा रहे थे। ध्वजारोहण समारोह का कवरेज करने गये हिन्दुस्थान समाचार के संवादाता ने ध्वजारोहण के वक्त हो रहे राष्ट्रगान में मौन साधे अध्यापकों से इस पर आपत्ति जतायी तो सभी ने गाने से इनकार कर दिया। वहीं बच्चों ने पूरा राष्ट्रगान गाकर सूनाया।
गौरतलब है कि मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार मदरसों का आधुनिकीकरण करके उन्हें देश और समाज की मुख्य धारा में लाने का प्रयास कर रहे है। मदरसों को अत्याधुनिक शिक्षाओं से जोड़ने का कार्य तेजी से चल रहा है। ताकि मदरसों ने निकले बच्चे भी रोजगारपरक शिक्षा हासिल कर सकें और देश का नाम ऊंचा करें। वहीं इस्लाम को ढाल बनाकर तथाकथित बुद्धिजीवी बच्चों को संवैधानिक पर्वों के स्वर्णिम नियमों व कानून से दूर रखने का काम कर रहे हैं। मदरसा के रहनुमा बच्चों को शिक्षा से दूर रखकर उनके भविष्य के साथ खेलने का कार्य बखूबी कर रहे हैं।
मदरसे में गणतन्त्र दिवस पर भव्य समारोह आयोजन तो हुआ था। ध्वजारोहण के दौरान बच्चे जन-गण-मन पूरी तन्मयता से गा रहे थे। लेकिन वहां उपस्थित शिक्षक मौन खड़े थे। उनका तर्क था कि हम जन गण मन नहीं गा सकते। इस्लाम में किसी की भी आराधना नहीं करने का आदेश है।