लखनऊ, (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के सभी पांचों अंचलों अवध, बृज, बुंदेलखंड, पूर्वांचल और पश्चिमी उप्र की लोक संस्कृति के साथ बुधवार को यहां यूपी दिवस का आगाज हुआ। राज्य सरकार के संस्कृति विभाग ने इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के संस्कार और संस्कृति की पूरी झांकी प्रस्तुत की।
समारोह का उद्घाटन उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने दीप प्रज्जवलन से किया। इसके बाद सूबे के प्रसिद्ध गायक मनोज गुप्ता सम्पूर्ण समारोह के निर्विघ्न आयोजन के लिए भगवान गणेश की वन्दना की।
इसके बाद संस्कृति विभाग द्वारा अभयुदय कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संजोये अवध क्षेत्र के फरवाही नृत्य, बुंदेलखंड का आल्हा, पूर्वांचल का धोबिया नृत्य, सूफी बंदिसें और बृज की होली का मनोरम चित्रण प्रस्तुत किया गया।
गौरतलब है कि अवध क्षेत्र का फरवाही अथवा अहिरवा नृत्य वहां की लोक संस्कृति की प्रतीक है। इसमें एक साथ कई युवक लाठी के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन कर भगवान राम का गुणगान करते हैं। वहीं धोबिया नृत्य पूर्वांचल में प्रचलित है। यह नृत्य धोबी समुदाय द्वारा किया जाता है। आजमगढ़ के उमेश कनौजिया की टीम ने इस नृत्य के माध्यम से धोबी एवं गदहे के मध्य आजीविका संबंधों का भावप्रवण निरूपण किया। बुंदेलखंड के आल्हा में आल्हा-ऊदल की वीरता का प्रदर्शन है। इसी तरह बृज की होली फूलों के साथ होली खेलने का मनोरम दृश्य वंदना सिंह के नेतृत्व में मथुरा के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया।
इसके बाद उत्तर प्रदेश के परिचय में एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। इस फिल्म को लिस गीत में पिरोया गया था, उसकी रचना राजभवन में नियुक्त पुलिस विभाग के एक दरोगा कुलदीप सिंह ने की है। उन्होंने ‘‘उत्तर प्रदेश है भारत की शान’’ नामक इस गीत में सूबे की सांस्कृतिक धरोहर और इसकी गौरवगाथा का बहुत ही सुंदर चित्रण किया है।
उद्घाटन समारोह में उप्र के लोक संस्कृति की इस प्रस्तुति ने उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू को भी मंत्रमुग्ध कर दिया। अपने संबोधन के दौरान सूबे की इस समृद्ध विरासत की उन्होंने जमकर प्रशंसा भी की।