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शिक्षा में सुधार के लिए नैतिकता व कानून दोनों जरूरी : शिक्षा मंत्री
By Deshwani | Publish Date: 20/1/2018 5:01:37 PM
शिक्षा में सुधार के लिए नैतिकता व कानून दोनों जरूरी : शिक्षा मंत्री

रुद्रपुर (हि.स.)। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा जीबी पन्त कृषि एवं औद्योगिक विश्वविद्यालय पन्त नगर में शनिवार को कर्तव्य और राष्ट्र निर्माण विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का शुभारम्भ प्रदेश के उच्चशिक्षा मंत्री डाॅ धन सिंह रावत ने दीप जलाकर किया। 

इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि शिक्षा में सुधार के लिए नैतिकता और कानून दोनों जरूरी हैस क्योंकि कर्तव्य और राष्ट्रनिर्माण दोनों एक दूसरे के अनुपूरक हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा व इमादारी से करे तो देश सु-विकसित राष्ट्र व सोने की चिड़िया स्वंय ही बन जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षित नागरिक से ही राष्ट्र व समाज के विकास की धुरी सुनिश्चित होती है। उन्होंने कहा कि साक्षरता मिशन के माध्यम से 2019 तक प्रदेशवासियों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि प्रत्येक व्यक्ति अपने अधिकार व कर्तव्य के प्रति जागरूक हो सकें। उन्होंने कहा कि देश में प्रत्येक वर्ष लगभग 2200 रिसर्च (पीएचडी) की जाती हैं, जिसमें से नगण्य रिसर्च ही देश के काम आती हैं, इसलिए सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए निरन्तर कार्यरत है ताकि शिक्षा/रिसर्च का उपयोग देशहित में किया जा सके। उन्होंने बताया कि महाविद्यालयों को देश भक्ति से जोड़ने के लिए शौर्य दीवारों का निर्माण कराया गया, जिसे अब तक सेल्फी के माध्यम से 12,5000 लाख लोगों द्वारा सराहा गया।

मंत्री ने कहा कि टीचरों की बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज करायी जा रही है। साथ ही अगले वर्ष से विद्यार्थियों की भी बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज की जाएगी। इसके अलावा, प्रदेश के सभी विद्यालयों में अप्रैल तक शत-प्रतिशत असिस्टेण्ट प्रोफेसरों की नियुक्ति कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक सत्रों को नियमित किया जा रहा है। इस बार परीक्षा कार्यक्रम अधिकतम 40 दिनों का होगा तथा उत्तर पुस्तिकाओं का केन्द्री मूल्यांकन किया जाएगा, जिसमें एक प्रोफेसर 300 उत्तर पुस्तिकाएं चेक कर सकेगा। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 96 प्रतिशत आॅनलाइन एडमिशन हुए थे, इस वर्ष शत-प्रतिशत आॅनलाइन एडमिशन का लक्ष्य रखा है। प्रदेश में 56 देशों के नागरिक विभिन्न शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि छात्रों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए पुलिस कप्तानों को रेण्डमली छात्रावासों की तलाशी लेने के निर्देश दिए। सरकार द्वारा गरीब बच्चों को आईआईटी/जेईई की तैयारियों के लिए सुपर 30 कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत चयनित 30 बच्चों को निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है तथा अगले सत्र से इस योजना को सुपर 100 नाम से चलाया जाएगा, जिसमें 100 बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक जिले में 20 बच्चों को जिलाधिकारी/एसपी/सीडीओ/एडीएम के माध्यम से भारतीय सिविल सेवा की तैयारियों के लिए निःशुल्क क्लास देने की योजना प्रस्तावित है। 

मंत्री ने कहा कि गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री के नाम पर स्कीम लाॅच करने जा रहे हैं, जिसके अन्तर्गत विद्यार्थियों को 25 लाख रुपये तक का ऋण दिया जा सकता है। साथ ही असिस्टेण्ट प्रोफेसरों के लिए भी घर बनाने हेतु सहकारिता बैंक के माध्यम से योजना शुरू की जा रही है, जिसमें 20 लाख से 50 लाख रुपये तक का ऋण आसानी से कम ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा। इस अवसर पर कुलपति एके मिश्रा, ओमपाल, विधायक राजेश शुक्ला, डाॅ प्रवीण तिवारी, आदि के द्वारा भी अपने-अपने विचार रखे। 

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