मामा की योजनाओं को नहीं दिख रहा असर, प्रदेश की 38 फीसदी से ज्यादा बेटियां नहीं जाती कॉलेज
भोपाल, (हि.स.)। प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान बेटियों को आगे बढ़ाने बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। युवाओं के लिए बनाई गई सरकारी योजनाओं का लाभ तक उन्हें नहीं मिल पा रहा। यह खुलासा हुआ है असर 2017 की रिपोर्ट में। रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश में आज भी 38.7 फीसदी लड़कियां 12वीं पास करने के बाद कॉलेज में प्रवेश ही नहीं लेती हैं।
रिपोर्ट में सामने आया है कि यही नहीं 31.5 फीसदी युवा आज भी कॉलेज से बाहर हैं। रीवा में युवाओं का यह आंकड़ा 28 फीसदी है। उल्लेखनीय है कि 24 राज्यों के 28 जिलों में यह सर्वे किया गया है। संस्था की ओर से 35 अन्य सहभागी संस्थानों के लगभग दो हजार स्वयंसेवकों के सहयोग से 1,641 गांवों के 25 हजार घरों में जाकर यह रिपोर्ट तैयार की गई।
इसमें मप्र के भोपाल तथा रीवा जिले को चुना गया। देशभर में 14 से 18 आयु वर्ग के 86 फीसदी युवा औपचारिक शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत स्कूल या कॉलेज में नामांकित हैं, जबकि 14 फीसदी युवा वर्तमान में किसी प्रकार की शिक्षा नहीं ले रहे हैं। इसमें 18 वर्ष की आयु वाले युवाओं का आंकड़ा जहां 28 फीसदी है, वहीं 32 फीसदी लड़कियां किसी भी संस्थान में नामांकित नहीं हैं।
तीन फीसदी युवा कर रहे वोकेशनल कोर्स
रिपोर्ट दर्शाती है कि भोपाल के मात्र तीन फीसदी युवा ही वोकेशनल कोर्स अपनाकर कौशल विकास की ट्रेनिंग ले रहे हैं। वहीं रीवा में यह प्रतिशत मात्र एक है, जबकि देशभर में स्थिति यह है कि युवा कम समय वाले वोकेशनल कोर्सों को अपना रहे हैं। इस तरह तीन या छह माह का कोर्स करने वाले युवाओं की संख्या देशभर में केवल 34 फीसदी है।