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रोजगार के नाम पर गुमराह कर रहे मुख्यमंत्री जयराम : वीरभद्र
By Deshwani | Publish Date: 15/1/2018 4:46:47 PM
रोजगार के नाम पर गुमराह कर रहे मुख्यमंत्री जयराम : वीरभद्र

शिमला (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर पहला जुबानी हमला बोला है। उन्होंने जयराम पर रोजगार के नाम पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है।

वीरभद्र ने कहा है कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में पढ़े-लिखे बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए कौशल विकास निगम की स्थापना तक की। इसके अतिरिक्त सरकारी क्षेत्र में 70 हजार से अधिक नौकरियां उपलब्ध करवाई गई, जबकि निजी क्षेत्र में रोजगार मेलों और अन्य उपायों के तहत हजारों युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराए गए। मुख्यमंत्री के उस बयान पर वीरभद्र ने हैरानी जताई है, जिसमें वीरभद्र और सुक्खू के झगड़े में बेराजगारों के पिसने की बात कही थी।
वीरभद्र सिंह के मुताबिक, यह बयान तथ्यों से परे और पूरी तरह निराधार है। मुख्यमंत्री प्रदेश में बेरोजगारी भत्ता बंद करने के प्रयास में बेतूकी बयानबाजी कर रहे हैं। कांग्रेस सरकार ने अपने चुनावी वायदों को पूरा कर प्रदेश में रोजगार के अनेकों द्वार खोले। कौशल विकास निगम के तहत ही करीब 1.50 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया। प्रदेश में उनके शासनकाल के दौरान कानून व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में थी। बहुचर्चित गुड़िया प्रकरण की जांच भी उन्होंने ही सीबीआई को दी थी, जो अभी तक चल रहा है।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा ने इसका राजनीतिकरण कर दिया है। कानून अपना काम कर रहा है और इसे प्रभावित करने की कोई भी कोशिश नहीं की जानी चाहिए। प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर स्पष्टीकरण देते हुए वीरभद्र ने कहा कि उनकी सरकार के समय भी धूमल सरकार से करोड़ों का वित्तीय घाटा विरासत में मिला था। 13 वित्तायोग को धूमल सरकार ने गलत आंकड़े प्रस्तुत कर प्रदेश के वित्तीय प्रबंधन को घाटा पहुंचाया था। इसके बावजूद प्रदेश में विकास की गति को प्रभावित नहीं होने दिया गया। शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी मूलभुत सुविधाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए। केन्द्र सरकार ने प्रदेश सरकार को इस दौरान कोई वित्तीय सहयोग नहीं दिया, बल्कि केन्द्र में बैठे भाजपा नेताओं ने प्रदेश की विकास योजनाओं को रोकने की पूरी कोशिश की। 
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