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उत्तर प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ‘ओपेन एक्सेस हेल्प डेस्क शुरू’
By Deshwani | Publish Date: 15/1/2018 4:23:56 PM
उत्तर प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ‘ओपेन एक्सेस हेल्प डेस्क शुरू’

लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के मकसद से यूपी पावर कारपोरेशन ने औद्योगिक इकाईयों को बिजली उपयोग के लिए ओपेन एक्सेस व्यवस्था लागू की है। इसमें कोई कठिनाई न हो इसके लिये ओपेन एक्सेस ‘हेल्प डेस्क’ भी चालू की गयी है। 

ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उप्र राज्य निवेश बोर्ड की हुई बैठक में औद्योगिक इकाईयों को ओपेन एक्सेस प्राप्त करने में कठिनाई की बात सामने आई थी। जिसके निराकरण के लिये पावर कारपोरेशन को निर्देशित किया गया था। विद्युत विभाग ने एक सुविचारित नयी व्यवस्था बनायी है।
प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष आलोक कुमार ने इस व्यवस्था के बारे में बताया कि औद्योगिक उपभोक्ताओं को ओपेन एक्सेस उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग के रेग्यूलेशन के अनुसार दी जाती है। इसके लिए स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर (एसएलडीसी) ने वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.यूपीएसएलडीसी.ओआरजी बनाई है। विद्युत उपभोक्ता को इस वेबसाइट पर जाकर अपना पंजीकरण कराना होता है। इसके बाद ओपेन एक्सेस आवेदन करने की सुविधा मिल जाती है। आवेदन करते समय उप्र पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लि. (जो स्टेट ट्रांसमिशन यूटिलिटी नामित है) तथा सम्बन्धित विद्युत वितरण कं. (डिस्काम) से निर्धारित रेग्यूलेशन व प्रक्रिया के अनुसार क्लीयरेन्स प्रमाण-पत्र अपलोड करने होते हैं। 
प्रमुख सचिव ने बताया कि आवेदकों को एसटीयू तथा डिस्काम से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेने में अनेक समस्याएं आती हैं। जिसके समाधान के लिए व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गयी है। आवेदक द्वारा एसटीयू व डिस्काम को अनापत्ति प्रमाण-पत्र के लिए जो आवेदन पत्र दिए जायें, उसकी प्रति ई-मेल अथवा डाक के माध्यम से ‘हेल्प डेस्क’ को भेजी जाए। एसटीयू तथा डिस्काम द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र अथवा कारण सहित अस्वीकृति सम्बन्धी आदेश पत्र 07 कार्य दिवसों में जारी किएजाएंगे। जिसकी सूचना विद्युत उपभोक्ता को भेजने के साथ-साथ ई-मेल द्वारा ’ओपेन एक्सेस हेल्प डेस्क‘ को भी भेज दी जायेगी।
इसके अनुश्रवण के लिए एसएलडीसी ओपेन एक्सेस हेल्प डेस्क’ प्रत्येक सोमवार को डिस्काम में लम्बित मामलों की सूची सम्बन्धित प्रबन्ध निदेशक, विद्युत वितरण निगम को ई-मेल के माध्यम से भेजेंगे। जिसकी प्रति पावर कारपोरेशन के प्रबन्ध निदेशक को भी भेजी जायेगी। डिस्काम स्तर पर इस व्यवस्था के लिए मुख्य अभियन्ता (वाणिज्य) नोडल अधिकारी होगें। पावर कारपोरेशन (मु.) स्तर पर अनुश्रवण के लिए मुख्य अभियन्ता (वाणिज्य) नोडल अधिकारी बनाये गये हैं।
प्रमुख सचिव ने बताया कि अनापत्तियों साहित पूर्ण आवेदन पत्र बेवसाइट पर अपलोड होने के पश्चात एसएलडीसी द्वारा 3 कार्य दिवसों में ओपन एक्सेस स्वीकृत कर दिया जायेगा। लम्बित मामलों का अनुश्रवण पावर कारपोरेशन अध्यक्ष द्वारा अपनी मासिक बैठक में किया जायेगा। वहीं, बिना समुचित कारणों के विलम्ब के मामलों में सम्बन्धित के विरूद्ध सम्यक कार्यवाही कराई जायेगी।
स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर (एसएलडीसी) में हेल्प डेस्क के नोडल अधिकारी राजीव मोहन, अधीक्षण अभियन्ता (मो.-945200285) ई-मेल एसईओए@यूपीएसएलडीसी.ओआरजी है। 
प्रमुख सचिव नें प्रदेश के सभी वितरण निगमों एवं केस्को के प्रबन्ध निदेशक को भेजे गये पत्र में निर्देशित किया है कि इस व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करायें। हर हफ्ते स्वयं लम्बित मामलों की समीक्षा करें। साथ ही अकारण विलम्ब के मामलों में सम्बन्धित कार्मिक के विरूद्ध जिम्मेदारी तय करते हुए विधि सम्मत प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा है कि यह व्यवस्था प्रदेश में औद्योगिक निवेश के वातावरण से जुड़ा है। उच्च स्तर पर इसका लगातार अनुश्रवण हो रहा है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
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