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पोलियो मुक्ति का सर्टिफिकेट, फिर भी खतरा बरकरार
By Deshwani | Publish Date: 13/1/2018 11:30:46 AM
पोलियो मुक्ति का सर्टिफिकेट, फिर भी खतरा बरकरार

मेरठ, (हि.स.)। पोलियो वायरस से मुक्ति का सर्टिफिकेट मिलने के बाद भी भारत में अभी भी खतरा बरकरार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पोलियो वायरस की सक्रियता को देखते हुए इसकी खोज फिर से तेज कर दी है। पहले चरण में मेरठ समेत छह शहरों में डब्ल्यूएचओ ने वायरस की खोज में संक्रमण की आशंका वाले स्थानों पर सेंपल भर लिए हैं, अब दूसरे चरण का अभियान चलाया जाएगा।
1994 से शुरू हुआ था पोलियो अभियान
एक समय पोलियो केसों के कारण भारत की दुनिया भर में बदनामी होती थी। पोलियो वायरस के कारण सैकड़ों मासूम जिंदगी अपाहिज हो जाती थी। पोलियो को जड़ से मिटाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत सरकार के साथ मिलकर 1994 में पल्स पोलियो अभियान की शुरूआत की थी। लंबे समय तक अभियान चलने के बाद भारत को पोलियो मुक्ति का सर्टिफिकेट हासिल हो गया। इसके बाद भी डब्ल्यूएचओ पोलियो वायरस को लेकर कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता।
विरोध के चलते लंबा खिंच गया अभियान
पोलियो मुक्ति का अभियान भारत में पोलियो वैक्सीन पिलाने का विरोध होने के कारण लंबा खिच गया। दरअसल पोलियो वैक्सीन पिलाने का सबसे ज्यादा विरोध मुस्लिम क्षेत्रों में होता था। मेरठ में कई बार पोलियो प्रतिरक्षण टीमों के साथ लोगों ने मारपीट भी की। हर महीने चलने वाले अभियान के दौरान अपने बच्चों को पोलियो ड्राॅप नहीं पिलाने वाले परिवारों की संख्या बरकरार रही। इस कारण पोलियो वायरस के खात्मे में भारत में ज्यादा समय लग गया।
नालों में खोजे जा रहे वायरस
दरअसल पोलियो वायरस संक्रमण वाले स्थानों पर छिपा और सक्रिय रहता है। मेरठ में सबसे ज्यादा पोलियो केस हापुड़ अड्डा क्षेत्र, लिसाड़ी रोड, जाकिर काॅलोनी, तारापुरी, सरूरपुर, हर्रा, खिवाई आदि क्षेत्रों में पाए गए। इस कारण डब्ल्यूएचओ ने इन क्षेत्रों के नालों में पोेलियो वायरस की खोज तेज की है। इन स्थानों से गंदे पानी के नमूने लेकर दिल्ली की लैब में जांच कराई जा रही है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रतिरक्षण डाॅ. विश्वास चैधरी ने बताया कि लंबे समय से डब्ल्यूएचओ मेरठ में नालों की माॅनिटरिंग कर रहा था। इसके बाद ही वायरस की खोज का अभियान शुरू किया गया है। पहले चरण में मेरठ में नमूने भरे जा चुके हैं। अब दूसरे चरण के सेंपल भरने का काम शुरू होगा। इन नमूनों को जांच के लिए दिल्ली की लैब में भेजा जा रहा है।
छह शहरों में चलेगा सेंपलिंग राउंड
मेरठ मंडल की अपर निदेशक चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डाॅ. मंजू शर्मा वैश्य ने बताया कि मेरठ के अलावा, आगरा, इलाहाबाद, वाराणसी, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और लखनऊ में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पोलियो वायरस की खोज तेज की है। पोलियो मुक्ति का सर्टिफिकेट मिलने के बाद भी इसके संक्रमण का खतरा बना हुआ है। इस कारण डब्ल्यूएचओ और भारत सरकार मिलकर पोलियो के खिलाफ जंग छेड़े हुए हैं। 
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