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बाबर से रिश्ते रखने वाले नहीं हो सकते मुसलमान: खुर्शीद आगा
By Deshwani | Publish Date: 6/12/2017 5:22:38 PM लखनऊ, (हि.स.)। बाबर से रिश्ते रखने वाले मुसलमान नहीं हो सकते। छः दिसम्बर 1992 विदेशी आक्रमणकारी बाबर की पहचान मिटाने की तारीख है। इसलिए मुसलमानों के लिए 06 दिसम्बर गम नहीं खुशी का दिन है। मुस्लिम भाई बहकावे के रास्ते को छोड़कर अमन के रास्ते को अख्तियार करें। मुसलमान हकीकत को जानें और सच के साथ खड़े हों। यह बातें मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के उत्तर प्रदेश प्रभारी खुर्शीद आगा ने सुन्दरबाग में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कही।
खुर्शीद आगा ने कहा कि देश के 70 प्रतिशत मुसलमान अयोध्या में राम मंदिर बनाना चाहते हैं। बाबरी मस्जिद के नाम पर विदेशों से चंदा लेने वाले और पैसा खाने वाले कट्टरपंथी मुसलमान मसले का हल नहीं चाहते हैं। हिन्दुस्तान का मुस्लिम अब जाग गया है। वह विदेशी बिकाऊ मजहबी ठेकेदारों के इशारों पर अब नहीं चलेगा। श्रीराम हमारे पूर्वज और नबी हैं उनके मंदिर को तोड़ने वाला न तो मुस्लिम है और न ही इन्सान। वह केवल शैतान है। खुर्शीद आगा ने कहा कहा कि मुस्लिम भाईयों को मंदिर निर्माण के लिए आगे आना चाहिए।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सह संयोजक महिरजध्वज सिंह ने कहा कि जिस मुल्क में जन्में हैं वहां के साथ वफादारी करना और संविधान का पालन करना मुस्लिमों का कर्तव्य है। जिसको वतन से मुहब्बत होगी वह बाबर को नहीं मानेगा। देश में जितने भी दंगे हुए उसका कारण मुसलमान है। इसलिए मुस्लिमों को सच्चाई से अवगत कराना बहुत जरूरी है।
ठाकुर राजा रईस ने कहा कि बाबरी मस्जिद के पैरोकारों को बता देना चाहता हूं कि 1941 से पहले अयोध्या में सरकार रिकार्ड में कहीं बाबरी मस्जिद का जिक्र नहीं था वहां पर मस्जिद जन्मभूमि लिखी थी और ढ़ांचे पर जो पत्थर लगा था उसमें अरबी भाषा में लिखा था सीतापाक। हम सब इमान वाले मुसलमानों को हकीकत जानना चाहिए और हक के साथ खड़ा होना चाहिए।
राजा रईस ने कहा कि 1528 में अयोध्या में मंदिर को तोड़कर भारत के स्वाभिमान को तोड़ा गया है। इसलिए मुस्लिम भाई को सचेत होना चाहिए कि कुरान और हदी की रोशनी में अमन रखते हुए श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने के लिए आगे आना चाहिए।