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राष्ट्रपति चुनाव को लेकर मुलायम और अखिलेश के मतभेद आये सामने
By Deshwani | Publish Date: 18/6/2017 7:23:32 PM लखनऊ, (हि.स.)। समाजवादी पार्टी (सपा) में पिता-पुत्र के बीच अभी भी सब कुछ सामान्य नहीं हुआ है और दोनों की राय एक दूसरे से जुदा बनी हुई है। इस बार देश के अगले राष्ट्रपति का चुनाव दोनों के बीच दूरियों की वजह बनकर सामने आया है। एक तरफ राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर अखिलेश यादव जहां भाजपा के खिलाफ एकजुट हो रहे विपक्ष का हिस्सा हैं, वहीं दूसरी ओर उनके पिता और संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करने के संकेत दिए हैं।
इस साल जुलाई में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल खत्म होने वाला है। इस पद के लिए 17 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होना है। फिलहाल न तो केन्द्र में सत्तारूढ़ दल ने इस सम्बन्ध में सार्वजनिक रूप से अपने प्रत्याशी का ऐलान किया है और ना ही विपक्ष की ओर से कोई नाम तय किया गया है। विपक्ष इस सम्बन्ध में नई दिल्ली में बैठक भी कर चुका है, लेकिन किसी नाम पर अन्तिम मुहर नहीं लगायी गयी।
इस बैठक में सपा की ओर से राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्य सभा सांसद प्रो. रामगोपाल यादव शामिल हुए थे। बैठक में तय हुआ था कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए नौ पार्टियों का एक पैनल बनाया जायेगा। उधर भाजपा की ओर से भी विभिन्न दलों के नेताओं के साथ बैठक का सिलसिला जारी है। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू की इस मसले पर मुलायम सिंह यादव से मुलाकात हुई थी। बताया जा रहा है कि मुलायम ने एनडीए के सामने शर्त रखी है कि वह उनके उम्मीदवार का समर्थन कर सकते हैं। उनकी शर्त है कि एनडीए उम्मीदवार कट्टर भगवा चेहरा नहीं हो। इसके साथ ही सभी का समर्थन भी उस उम्मीदवार को प्राप्त होना चाहिए।
इस तरह मुलायम ने एक तरह से सीधे तौर पर अखिलेश के खिलाफ अपनी मंशा जाहिर कर दी है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस को भी झटका दिया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबन्धन को लेकर मुलायम शुरुआत से ही अखिलेश की आलोचना करते रहे हैं। चुनाव में करारी हार के बाद उन्होंने अखिलेश की मुखालफत करने वाले अपने छोटे भाई शिवपाल यादव को भी सही ठहराया। अब जिस तरह से उन्होंने एनडीए के प्रति नरमी दिखायी है, वह भाजपा के खिलाफ एकजुट हो रहे विपक्ष के लिए खतरे का संकेत हो सकता है।